घर गिराए जाने के डर से बच्ची संग दे दी जान? रामपुर की इस दर्दनाक वारदात की पूरी कहानी जानिए

आमिर खान

09 Apr 2023 (अपडेटेड: 09 Apr 2023, 05:09 AM)

Rampur News: यूपी के रामपुर में दिल दहलाने वाली दर्दनाक घटना घटी है. यहां एक पिता ने अपनी 8 साल की बेटी और 10 साल…

घर गिराए जाने के डर से बच्ची संग दे दी जान? रामपुर की इस दर्दनाक वारदात की पूरी कहानी जानिए

घर गिराए जाने के डर से बच्ची संग दे दी जान? रामपुर की इस दर्दनाक वारदात की पूरी कहानी जानिए

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Rampur News: यूपी के रामपुर में दिल दहलाने वाली दर्दनाक घटना घटी है. यहां एक पिता ने अपनी 8 साल की बेटी और 10 साल के बेटे के साथ जहर खा लिया. बताया जा रहा है कि पहले पिता ने अपनी बेटी और बेटे को जहर खिलाया फिर खुद भी जहर खा लिया. इस घटना में पिता और बेटी की मौत हो गई तो वहीं बेटा जहर नहीं निगल पाया और उसकी जान बच गई. इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया है.

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अब इस मामले में मृतक की पत्नी मेहताब ने राजस्व विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़ित महिला का कहना है कि राजस्व विभाग की तरफ से उनका घर तालाब की भूमि पर बना होना दिखाया गया है. विभाग द्वारा हमें  64 लाख के हर्जाने की भरपाई का नोटिस भी दिया गया था. इस नोटिस के संबंध में विभाग के कर्मचारी हम पर दबाव बनाना बना रहे थे. इसलिए उनके पति ने बच्चों के साथ मिल ये कदम उठाया है. घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया है तो वहीं परिवार में राजस्व विभाग को लेकर भारी गुस्स है.

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मृतक की पत्नी ने सुनाई आपबीती

मृतक की पत्नी मेहताब ने बताया कि हमारा परिवार जगह को लेकर टेंशन में है. हमारे यहां नोटिस आया था. अभी चार-पांच दिन पहले तहसीलदार भी आएं थे. मेरा बच्चा बीमार है. उसका हर 15 दिन में इलाज होता है. मेरे पास कमाने का कोई जरिया नहीं है. मेरे पास मेरे पति ही थे जो कमाते थे. मेरे 7 बच्चे हैं. पति काफी तनाव में थे. किसी से बात नहीं कर रहे थे. उन्होंने ये कदम उठा लिया है. हमारा तालाब पर घर बना हुआ है. हमें पता नहीं था. हमने तो प्रधान जी से जैसे-तैसे 80 गज जगह खरीदी थी.

एसडीएम ने दिया ये कारण

इस पूरे मामले के सामने आने के बाद प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है. एसडीएम सदर निरंकार सिंह का कहना है कि परिवार की आर्थिक स्थिती ठीक नहीं होने के कारण ये कदम उठाया है. अधिकारी के मुताबिक, लड़का थैलसीमिया नामक बीमारी से पीड़ित था, जिसका प्रशासन द्वारा पहले से ही इलाज करवाया जा रहा है.

नोटिस और हर्जाने के आरोपों पर एसडीएम निरंकार सिंह ने कहा कि गांव में कुछ परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने तालाब की जमीन पर मकान बना लिए हैं. उन्हें 2021 में नोटिस भेजा गया था और इस केस से नोटिस का कोई संबंध नहीं है. ये मामला 2 साल पहले का है. मगर इस मामले में वाद विचाराधीन था. मृतक ने यह कदम मानसिक स्थिति और आर्थिक हालातों के कारण उठाया है, जबकि प्रशासन बच्चे की बीमारी का पूरा इलाज करवा रहा था.

प्रशासन करेगा परिवार की सहायता

एसडीएम सदर ने कहा कि प्रशासन की तरफ से इस परिवार की पूरी आर्थिक सहायता की जाएगी. हम परिवार के लिए किसी आवंटन आवास की जमीन का लोन प्रस्ताव करने जा रहे हैं, क्योंकि पता लगाया था कि उनके नाम से कोई जमीन नहीं है. उनके पास कृषि और आवास के लिए कोई जमीन नहीं है. उनका मकान तालाब पर बना हुआ है. भविष्य में घर के लिए हम उनको जमीन देंगे. आर्थिक सहायता के लिए जिलाधिकारी को निवेदन पत्र भेजा जाएगा, जिससे इन्हें आर्थित मदद मिल सके. राजस्व टीम द्वारा भी जो पैसा जुटाया जाएगा वह भी हम इनकों और बच्चों को दे देंगे.

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