UP News: इस समय प्रदेश में SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान अपने चरम पर चल रहा है. BLO अधिकारी इस अभियान में जुटे हुए हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश के महोबा से चौंका देने वाली खबर सामने आई है. यहां SIR के काम में लगे हुए बीएलओ के सहायक और शिक्षा मित्र शंकरलाल राजपूत का शव कुएं में मिला है. इस घटना के बाद साथी बीएलओ, परिजनों और ग्रामीणों में गम और गुस्सा फैल गया है. बताया जा रहा है कि शंकरलाल राजपूत सोमवार से लापता चल रहे थे. परिजन उन्हें खोज रहे थे. मगर उनके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा था.
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क्या हुआ इनके साथ?
शंकरलाल राजपूत 17 नवंबर से ही एसआईआर के काम में लगे हुए थे. वह बीएलओ अधिकारी बृजेंद्र सिंह के सहायक थे. परिवार का कहना है कि उनपर काम का दबाव बहुत ज्यादा था, जिससे वह परेशान हो गए थे. परिवार का कहना है कि वह घर-घर जाकर लोगों के फॉर्म भरवाते, वोटर्स की जानकारी लेते और फिर ऑनलाइन एंट्री का काम करते. उन्हें हर दिन 100 फॉर्म भरवाने होते थे. ऐसे में वह काफी परेशान रहने लगे थे.
परिवार का दावा- सुसाइड की है
शंकरलाल राजपूत की बेटी अंजनी का कहना है कि वह काम को लेकर इतने परेशान हो चुके थे कि अक्सर घर पर भी अधिकारियों के दबाव की बात करते थे. उन्हें रात को सही तरह से नींद भी नहीं आती थी. जब से वह इस अभियान से जुड़े थे, वह काफी तनाव में रहने लगे थे.
बेटी अंजली ने ये बताया- वीडियो में देखिए
पीड़ित परिवार का दावा है कि इसी वजह से उन्होंने अपनी जान दे दी और इसके लिए उन्होंने कुएं में छलांग लगा दी. सोमवार के दिन वह घर से गए और गायब हो गए. बता दें कि मृतक का शव बुधवार के दिन कुएं में मिला.
1344 फॉर्म भरवाने की जिम्मेदारी थी- बीएलओ
शंकरलाल राजपूत जिस बीएलओ बृजेंद्र सिंह के लिए काम करते थे, उनका भी बयान इसपर सामने आया है. बीएलओ का कहना है कि उन्हें और शंकरलाल राजपूत को 1344 फॉर्म भरवाने की जिम्मेदारी मिली थी. हम दोनों घर-घर जाकर फॉर्म भरवा रहे थे. बृजेंद्र सिंह का कहना है कि कई बार ये काम काफी मुश्किल भरा हो जाता है. लोग बदतमीजी करते हैं और गाली देते हैं. ऐसे में तनाव आ जाता है.
फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. पोस्टमॉर्टम के बाद ही सामने आएगा कि ये सुसाइड है या जुर्म की वारदात.
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