UP News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां अयोध्या से अपहृत एक डेढ़ साल के मासूम बच्चे को पंडित दीनदयाल उपाध्याय (DDU) जंक्शन पर RPF ने सकुशल रेस्क्यू कर लिया. इस अपहरण को किसी अजनबी ने नहीं, बल्कि बच्चे के पिता के बिजनेस पार्टनर ने ही अंजाम दिया. पैसे के लेन-देन के विवाद में यह हैरान कर देने वाला कदम उठाया गया.
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पुलिस की मुस्तैदी और रेलवे की इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर 139 की सक्रियता के चलते कुछ ही घंटों में मासूम को उसके परिजनों से मिलवा दिया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर अयोध्या पुलिस को सौंप दिया गया.
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली निवासी गोपाल कुमार अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के पास बिहार के गया जिले के रहने वाले प्रभात कुमार के साथ मूर्तियों के होलसेल बिजनेस में साझेदारी में काम करता है. दोनों के बीच बिजनेस में पैसे को लेकर विवाद चल रहा था. प्रभात का कहना था कि उसका पैसा गोपाल के पास फंसा हुआ है और उसने कई बार पैसे की मांग की. गोपाल ने पैसे देने में असमर्थता जताई, यह कहकर कि रकम फील्ड में दुकानदारों के पास फंसी है. इसी झगड़े के बीच गुरुवार सुबह प्रभात ने गोपाल के डेढ़ साल के बेटे आरव को चुपचाप घर से अगवा कर लिया और फरार हो गया.
139 पर फोन से खुला रास्ता, RPF की तत्परता से मिली राहत
जब गोपाल को बेटे की गुमशुदगी का पता चला तो उसने पहले प्रभात से संपर्क किया. प्रभात ने फोन पर बताया कि वह अकबरपुर में है और बच्चा उसके पास है. गोपाल अकबरपुर पहुंचा, लेकिन वहां प्रभात और बच्चा दोनों नहीं मिले. इसके बाद गोपाल ने अयोध्या पुलिस से संपर्क किया और FIR दर्ज करवाई.
इस बीच, गोपाल ने सूझबूझ दिखाते हुए रेलवे की हेल्पलाइन 139 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवाई. सूचना मिलते ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन की RPF टीम एक्टिव हो गई और बिहार की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों की जांच शुरू कर दी.
13152 डाउन जम्मूतवी एक्सप्रेस से मिला सुराग
इसी दौरान 13152 डाउन जम्मूतवी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में आरोपी प्रभात को मासूम के साथ बैठा देखा गया. आरपीएफ की टीम ने उसे तुरंत हिरासत में ले लिया और बच्चे को सकुशल रेस्क्यू कर लिया. फिर आरपीएफ ने अयोध्या पुलिस को सूचना दी और बच्चे को चाइल्डलाइन के माध्यम से उसके परिजनों को सौंप दिया. वहीं, आरोपी प्रभात को अयोध्या पुलिस के हवाले कर दिया गया.
बेटे को वापस पाकर भावुक हुआ पिता
गोपाल कुमार ने राहत की सांस लेते हुए बताया कि, 'हम लोग पार्टनर थे. उन्होंने पैसा मांगा, लेकिन हम तुरंत नहीं दे पाए. उन्होंने अचानक मेरे बेटे को घर से उठा लिया. हमने 139 पर फोन किया और RPF ने तुरंत कार्रवाई की. 10 मिनट में बच्चा मिल गया. मैं RPF और रेलवे को दिल से धन्यवाद देता हूं.'
आरपीएफ ने क्या कहा?
प्रदीप कुमार रावत, इंस्पेक्टर RPF, DDU जंक्शन ने बताया, 'हमें सूचना मिली कि एक व्यक्ति डेढ़ साल के बच्चे को लेकर भाग रहा है. हमने ट्रेनों की जांच की और आरोपी को बच्चे के साथ जम्मूतवी एक्सप्रेस से बरामद किया. अयोध्या पुलिस ने पहले से मुकदमा दर्ज किया हुआ था, इसलिए आरोपी को सुपुर्द कर दिया गया.' साफ है कि रेलवे की इमरजेंसी हेल्पलाइन 139 पर की गई एक कॉल ने बच्चे की जिंदगी बचा ली. आरपीएफ की सक्रियता और ट्रेन की सटीक पहचान के चलते एक बड़ा हादसा टल गया.
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