बहराइच में 15 दिनों में 4 बच्चों की मौत... दिनदहाड़े मुंह में दबाकर घर से उठा ले जा रहा आदमखोर 'भेड़िया'

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में अज्ञात आदमखोर जानवर के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. कैसरगंज इलाके में घर में सो रही रही एक तीन साल की बच्ची को आदमखोर मुंह में दबाकर भाग निकला.

बहराइच में फिर बढ़ा भेडियों का आतंक. (Photo: Representational )

राम बरन चौधरी

• 09:32 AM • 25 Sep 2025

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उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में अज्ञात आदमखोर जानवर के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. कैसरगंज इलाके में घर में सो रही रही तीन साल की एक बच्ची को आदमखोर मुंह में दबाकर भाग निकला. ग्रामीणों ने लाठी डंडे से उसका पीछा किया. लेकिन 500 मीटर दूर लहू लुहान अवस्था में बच्ची पड़ी, मिली जिसका एक हाथ जानवर ने पूरी तरह खा लिया था. घायल अवस्था में बच्ची का पिता उसे लेकर स्थानीय अस्पताल पहुंचा लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो गई. 

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यह घटना कैसरगंज कोतवाली थाना क्षेत्र के मंझारा तौकली गांव की है. यहां पिछले 15 दिनों से लगातार बच्चों पर हमले हो रहे हैं. पहले यह जानवर रात में हमला करता था. लेकिन अब उसने दिन में बच्चों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. 

घर में सो रही थी बच्ची

यह घटना उस वक्त हुई जब कैसरगंज कोतवाली थाना क्षेत्र के मंझारा तौकली गांव के रहने वाले बाबू लाल की तीन साल की बेटी सोनी घर में सो रही थी. इसी बीच आदमखोर दबे पांव घर में दाखिल हुआ और सोती हुई बच्ची को मुंह में दबाकर भाग निकला. बच्ची के रोने की आवाज सुनकर ग्रामीणों संग घर वालों ने लाठी डंडा लेकर उसका पीछा किया. तब तक घर से लगभग 500 मीटर दूर आदमखोर उस बच्ची का एक हाथ पूरी तरह चबाकर लहूलुहान अवस्था में उसे छोड़कर फरार हो चुका था. मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने घायल बच्ची को मोटरसाइकिल से स्थानीय अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. सूचना पर अस्पताल पहुंचे बच्ची के पिता बाबू लाल ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं और उस वक्त घर पर नहीं थे. उन्होंने कहा कि 'मेरी बच्ची को भेड़िया ले गया है. उसका मुंह बड़ा था और हम लोग कुछ नहीं कर पा रहे हैं.' 

लगातार हो रहे हमले में अब तक चार बच्चों की मौत

बहराइच में बीते नौ सितंबर को अज्ञात आदमखोर जानवर के हमले में हुई 4 वर्षीय ज्योति की मौत समेत अब तक कुल चार मौतें हो चुकी हैं और वन विभाग पूरी तरह फेल नजर आ रहा है. वहीं प्रभागीय वनाधिकारी राम सिंह यादव अपने पुराने बयान पर अभी भी कायम हैं कि दो दर्जन से अधिक वन विभाग की टीमें जानवर का पता लगाने व उसे पकड़ने के लिए पूरी मुस्तैदी से जुटी हैं.

हमला करने का बदला पैटर्न

आदमखोर के हिंसक होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब जानवर रात के बजाय पिछले तीन दिनों से मासूमों को दिन में निशाना बना रहा है. बीते 20 सितंबर को गांधू झाला मंझारा तौकली में दिन के साढ़े दस बजे रक्षाराम के तीन वर्षीय बेटे अंकुर को उसकी बहन की गोद से जानवर छीनकर फरार हो गया था जिसकी अभी तक लाश भी नहीं बरामद हुई है. कल दोपहर करीब तीन बजे मंझारा तौकली के बाबा बंगला मजरे के रक्षाराम के तीन वर्षीय पुत्र प्रिंस जो अपने घर में लेटा था उसे आदमखोर मुंह में दबाकर भाग निकला. लेकिन लोगों की सक्रियता से उसे वह मासूम को कुछ दूरी पर लहूलुहान कर छोड़कर फरार हो गया.

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