देवरिया के राम नक्षत्र उपाध्याय के भाइयों ने उनके अंतिम संस्कार से किया इनकार, वजह जान लेंगे तो सोच में पड़ जाएंगे

यूपी के देवरिया में राम नक्षत्र उपाध्याय नामक एक व्यक्ति की अस्पताल में मौत हो गई. जब पुलिस ने उनके भाइयों को शव सौंपने के लिए उनके दरवाजे पर दस्तक दी तो भाइयों ने साफ इनकार कर दिया. ऐसे में पुलिस ने उनका अंतिम संस्कार किया.

last rites done by police

राम प्रताप सिंह

06 Dec 2025 (अपडेटेड: 06 Dec 2025, 02:21 PM)

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प्रॉपर्टी और पैसे को लेकर सगे भाइयों के बीच विवाद की खबरें आम हो चुकी हैं. लेकिन यूपी के देवरिया जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने ना सिर्फ खून के रिश्ते बल्कि मानवीय रिश्तों को भी शर्मसार कर दिया है. दवरिया के रहने वाले राम नक्षत्र उपाध्याय की इलाज के दौरान 5 दिसंबर को मौत हो गई. लेकिन जब उनके मौत की खबर परिजनों को मिली तो उनमें से कोई उन्हें एक झलक देखने तक नहीं गया. ऐसे में जब पुलिस राम नक्षत्र उपाध्याय का बॉडी लेकर मृतक के घर पहुंची तो परिजनों ने शव लेने से साफ-साफ इनकार कर दिया. वहीं जब इसकी वजह पूछी गई तो परिजनों ने उनकी प्रॉपर्टी को लेकर एक ऐसी बात कही जिसे सुनकर खुद पुलिस भी हैरान रह गई. आखिरकर पुलिस की टीम ने ही धार्मिक रीति-रिवाज से मृतक का अंतिम संस्कार किया. फिलहाल देवरिया का ये मामला ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.

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भाइयों ने राम नक्षत्र का शव लेने से किया इनकार

यह घटना बरहज थाना क्षेत्र के छपरा नटुआ गांव की है. राम नक्षत्र उपाध्याय घायल अवस्था में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में भर्ती थे. लेकिन 5 दिसंबर को उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई. ऐसे में पुलिस ने नियमानुसार पंचायतनामा भरकर परिजनों को उनकी मौत की जानकारी दी. लेकिन उनमें से कोई भी उनकी बॉडी को देखने नहीं पहुंचा. ऐसे में पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद कांस्टेबल आदित्य यादव के साथ मृतक के शव को उनके पते पर भिजवाया गया. लेकिन मृतक के भाइयों ने ये कहकर शव लेने से इनकार कर दिया कि राम नक्षत्र ने अपनी सारी जमीन और सम्पत्ति बेच दी है. ऐसे में अब वह उनका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.

पुलिस ने किया अंतिम संस्कार

इस स्थिति को देखते हुए सदर कोतवाल विनोद कुमार सिंह द्वारा मृतक का अंतिम संस्कार किया गया. राम नक्षत्र उपाध्याय का अंतिम संस्कार देवरिया के कटैलवा घाट पर हिन्दू रीति रिवाज के साथ कराया गया. पुलिस अधिकारी की मानें तो यह केवल मानवता के विपरीत ही नहीं है बल्कि सामाजिक मूल्यों का क्षरण भी है. यह घटना केवल संवेदनहीनता का उदाहरण ही नहीं है बल्कि समाज को यह सोचने पर विवश कर रहा है कि हमारे मानवीय रिश्ते कैसे खत्म होते जा रहे है.

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