Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक बेहद खास खबर सामने आई है. आपको बता दें कि यहां की महिलाएं अब पारंपरिक भूमिकाओं से बाहर निकलकर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं. जो महिलाएं कभी केवल घर के कामकाज तक सीमित मानी जाती थीं, अब वही महिलाएं छोटे-छोटे कारोबार शुरू कर खुद कमाने और दूसरों को रोजगार देने का काम कर रही हैं. ऐसा ही एक उदाहरण मुरादाबाद में देखने को मिला, जहां 11 महिलाओं ने मिलकर एक समूह बनाया और पुराने कपड़ों से पायदान बनाकर एक सफल व्यवसाय की शुरुआत की. आज यह समूह न केवल मुनाफा कमा रहा है बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन चुका है.
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11 महिलाओं का संगठित प्रयास
इस सफल महिला समूह की अध्यक्ष हिमानी बिश्नोई बताती हैं कि उनके समूह में कुल 11 महिलाएं हैं जो मिलकर पायदान बनाने का काम करती हैं. वे बताती हैं कि इस काम की शुरुआत बहुत छोटे स्तर से हुई थी लेकिन अब यह स्वरोजगार का एक मजबूत माध्यम बन चुका है. उन्होंने आगे बताया कि ''इसमें जो भी हमारा खराब कपड़ा होता है. उस कपड़े को हम अलग छाट लेते हैं. उसके माध्यम से हम उस खराब कपड़े के पायदान बनाते हैं''.
बेकार कपड़े बना रहे कमाई का जरिया
महिलाएं पुराने और अनुपयोगी कपड़ों को बाजार से 5 से 8 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदती हैं. फिर इन कपड़ों को छांटकर उनसे सुंदर और टिकाऊ पायदान तैयार किए जाते हैं. इस प्रक्रिया में खर्च कम आता है लेकिन मेहनत और रचनात्मकता की बदौलत तैयार उत्पाद बाजार में अच्छी कीमत पर बिक जाते हैं.
हर महिला को मिल रही ₹10,000 की आमदनी
समूह की महिलाएं बताती हैं कि इस काम से उन्हें हर महीने लगभग 10,000 रुपय की आमदनी हो रही है. समूह की अध्यक्ष हिमानी बिश्नोई और अन्य महिलाएं कहती हैं कि वे चाहती हैं कि और महिलाएं भी इस तरह के छोटे व्यवसाय शुरू करें और आत्मनिर्भर बनें. उनका मानना है कि अगर महिलाएं संगठित होकर प्रयास करें तो वे किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं.
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