UP Ganga Expressway Update: उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और बड़ा प्रोजेक्ट अब पूरा होने की कगार पर है. 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से जारी है और हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार अब तक 88% काम पूरा हो चुका है. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यह एक्सप्रेसवे जल्द ही पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश को आपस में जोड़ देगा, जिससे यात्रा और व्यापार दोनों आसान हो जाएंगे.
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काम की प्रगति पर एक नजर
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में विभिन्न चरणों का काम लगभग पूरा हो चुका है. UPEIDA की 5 अगस्त 2025 तक की रिपोर्ट के अनुसार:
अर्थ वर्क (मिट्टी का काम): मुख्य कैरिजवे में 99% काम पूरा हो चुका है.
कर्ब और गटर (C&G): यह काम पूरी तरह से (100%) संपन्न हो गया है.
ग्रेन्युलर सब-बेस (GSB): 96% काम पूरा.
वेट मिक्स मैकडम (WMM): 96% काम पूरा.
डेंस बिटुमिनस मैकडम (DBM): 95% काम पूरा.
स्ट्रक्चर: कुल 1500 स्ट्रक्चर में से 1487 का निर्माण पूरा हो चुका है.
गंगा एक्सप्रेसवे की 5 बड़ी खासियतें
विशाल और आधुनिक: यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का होगा, जिसे भविष्य में 8 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा, जिससे भारी ट्रैफिक को भी आसानी से संभाला जा सकेगा.
दो बड़े शहरों को जोड़ेगा: यह एक्सप्रेसवे मेरठ के NH-334 से शुरू होकर प्रयागराज में NH-2 बाईपास पर खत्म होगा, जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी और समय में काफी कमी आएगी.
12 जिलों को सीधा लाभ: यह एक्सप्रेसवे कुल 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल हैं. इससे इन जिलों का आर्थिक और औद्योगिक विकास भी होगा.
ग्रामीण कनेक्टिविटी: मुख्य एक्सप्रेसवे के साथ-साथ, स्थानीय ग्रामीणों की सुविधा के लिए दोनों तरफ 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी बनाई जा रही है.
ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट: यह एक्सप्रेसवे एक 'ग्रीनफील्ड' परियोजना है, जिसका मतलब है कि यह पूरी तरह से नए मार्ग पर बन रहा है. इससे भूमि अधिग्रहण और निर्माण में आने वाली बाधाएं कम हुई हैं.
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