फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी के पास से जो मर्सिडीज, डिफेंडर जैसी 6 गाड़ियां मिलीं उनके मालिकों के नाम चौंकाने वाले

36 साल के फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी को अरेस्ट किया गया है.आरोपी सौरभ त्रिपाठी गौतम बुद्ध नगर का रहने वाला है. पुलिस ने इसके पास से 6 लग्जरी गाड़ियां भी बरामद की हैं. ये गाड़ियां किनके नाम पर रेजिस्टर्ड हैं, देखें पूरी रिपोर्ट में.

Lucknow Farzi IAS News

संतोष शर्मा

05 Sep 2025 (अपडेटेड: 05 Sep 2025, 01:06 PM)

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Lucknow Farzi IAS News: उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले दिनों लखनऊ से एक 36 साल के फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी को अरेस्ट किया है. यह शख्स भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बनकर यूपी समेत कई राज्यों में लोगों को ठग रहा था और फर्जी हनक के सहारे न जाने कैसे-कैसे काम कर रहा था. आरोपी सौरभ त्रिपाठी गौतम बुद्ध नगर का रहने वाला है. पुलिस ने इसके पास से 6 लग्जरी गाड़ियां भी बरामद की हैं. हैरानी की बात ये है कि इन गाड़ियों का मालिक सौरभ त्रिपाठी नहीं बल्कि दूसरे लोग हैं. 

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पुलिस ने सौरभ के पास मर्सिडीज, डिफेंडर, फॉर्च्यूनर और तीन इनोवा क्रिस्टा गाड़ियां बरामद की हैं.  अधिकारियों ने पाया कि जब्त की गई कोई भी कार सौरभ त्रिपाठी के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं थी. रिकॉर्ड के अनुसार फॉर्च्यूनर नोएडा के एक निवासी की है, दो इनोवा क्रिस्टा लखनऊ के निवासियों के नाम रजिस्टर्ड हैं. डिफेंडर पटना के एक निवासी के नाम है और मर्सिडीज एक ट्रैवल एजेंसी के नाम पर है. एक अन्य इनोवा क्रिस्टा लखनऊ के एक निवासी की है. 

गाड़ियों की डिटेल ये रही

  • Up16 DP2828- Fortuner legender Noida sector 99 में रहने वाले जयदीप धानुका की है.  
  • UP 32 PX 9928- इनोवा क्रिस्टा लखनऊ के सुशील चंद्र त्रिवेदी के नाम पर है.
  • BR 01FG0028- Defender पटना के दर्पण जैन के नाम दर्ज है. 
  • Up32 QT 5060- इनोवा क्रिस्टा लखनऊ के वकील अहमद की है.
  • UP32 PK2800- मर्सिडीज़ कार कौशिक टूर्स एंड ट्रेवल्स के नाम पर दर्ज है.
  • Up32PH0065- इनोवा क्रिस्टा लखनऊ की आरती यादव के नाम पर दर्ज है. 

इसके बावजूद सौरभ त्रिपाठी कथित तौर पर इन गाड़ियों को "उत्तर प्रदेश विधान सभा", "विधान परिषद", "सचिवालय" और यहां तक कि "भारत सरकार" के स्टिकर और पास के साथ चलाता था. अधिकारियों ने बताया कि सौरभ त्रिपाठी आईएएस अधिकारी के रूप में वीवीआईपी आयोजनों में शामिल हो रहा था. उसने "Saurabh_IAAS" हैंडल के तहत एक सोशल मीडिया अकाउंट भी चलाया था. फिलहाल ये हैंडल हटा लिया गया है. 

पुलिस के अनुसार सौरभ त्रिपाठी जाली पहचान पत्रों का उपयोग कर विभिन्न राज्यों और जिलों में लोगों को ठग रहा था. लखनऊ पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सौरभ त्रिपाठी को कारगिल शहीद पार्क के पास चेकिंग के दौरान पकड़ा गया. वो अपने IAS अफसर होने की बात कर पुलिस को ही हड़का रहा था.

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