होंठ, अंडरआर्म्स, प्राइवेट पार्ट... 7 बार सर्जरी करा ऐसी दिखती थी 49 साल की लोला! लखनऊ सेक्स रैकेट में नया खुलासा

Lucknow News: उज्बेकिस्तान से लखनऊ आकर लोला ने किया वो कांड जिसकी जानकारी मिलते ही अब सब हैरान हैं. लोला ने लखनऊ में रहने के लिए प्राइवेट सर्जरी कराई और सेक्स रैकेट में शामिल हो गई. जानें इसकी पूरी कहानी.

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आशीष श्रीवास्तव

• 06:58 PM • 26 Jun 2025

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Lucknow Crime News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बड़े इंटरनेशनल सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ है. इस सेक्स रैकेट ने चलते सुरक्षा एजेंसियों को भी सकते में डाल दिया है. रैकेट के मुख्य किरदार के रूप में उज्बेकिस्तान की नागरिक लोला कायूमोवा (49) नामक महिला सामने आई है. चौंकाने वाली बात यह है कि लोला ने फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर भारत में आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिया था और अपनी असली पहचान छिपाकर लखनऊ में वर्षों तक रही.  उसने किरायेदारी सत्यापन भी जालसाजी से कराया और इसकी भनक पुलिस से लेकर लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) तक को नहीं लगी. फिलहाल लोला फरार है और उसकी तलाश जारी है.  

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ग्राहक को बताया पति, खुद को दिखाया भारतीय नागरिक

जानकारी के अनुसार, लोला कायूमोवा ने जिस व्यक्ति को अपना पति बताया, वह वास्तव में उसका ग्राहक था. इस महिला ने लखनऊ के ओमेक्स अपार्टमेंट में एक फ्लैट तक खरीद लिया था और खुद को पूरी तरह से भारतीय नागरिक दर्शा रही थी. अपनी उम्र छिपाने और अधिक आकर्षक दिखने के लिए, 49 वर्षीय लोला ने कथित तौर पर 7 बार प्लास्टिक सर्जरी करवाई थी. इन सर्जरी में चेहरे, होंठ, अंडरआर्म्स और प्राइवेट पार्ट की कॉस्मेटिक सर्जरी शामिल हैं, जो सभी डॉ. विवेक गुप्ता के अहिमामऊ स्थित क्लीनिक में की गईं. 

अंतर्राष्ट्रीय रैकेट से जुड़े तार, पुलिस की तलाश जारी

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लोला का नाम पहले से चल रहे एक अंतर्राष्ट्रीय सेक्स रैकेट से जुड़ा हुआ है. इससे पहले भी उज्बेकिस्तान की दो अन्य महिलाएं होलिडा और नीलोफर इसी रैकेट में पकड़ी जा चुकी हैं. 21 जून की रात सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस ने एक रेड के दौरान इस रैकेट के एक बड़े हिस्से को बेनकाब किया. 

फिलहाल, पुलिस लोला कायूमोवा की तलाश कर रही है, जो घटना के बाद से फरार बताई जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, जांच एजेंसियां विदेशी महिला के दस्तावेजों की सत्यता, उसके भारत आने के असली मकसद और इस रैकेट में शामिल स्थानीय सहयोगियों की भूमिका को गहराई से खंगाल रही हैं. इस बड़े खुलासे ने राजधानी लखनऊ की सुरक्षा व्यवस्था और दस्तावेजी सत्यापन प्रक्रियाओं पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. 

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