उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के नरवल थाना क्षेत्र में बकरी चराने को लेकर हुए विवाद ने दिल दहला देने वाला रूप ले लिया. मामूली कहासुनी से शुरू हुआ झगड़ा महिला की जान पर बन आया. बता दें कि 60 वर्षीय रानी देवी की उनके पड़ोसियों द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है और मृतका के परिजन पुलिस पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं.
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पहले दिन की मारपीट
नॉर्मल इलाके की रहने वाली रानी देवी की दो बेटियां और पांच बेटे हैं. मृतका की बेटी मौसमी ने बताया कि 2 अक्टूबर की रात को बकरी चराने को लेकर पड़ोसी सत्यम से उनकी मां रानी देवी का विवाद हुआ था. कहासुनी के दौरान सत्यम और उसके परिवार ने मारपीट कर रानी देवी को घायल कर दिया. इसके बाद मौसमी अपनी मां को लेकर नरवल थाने पहुंची और एफआईआर दर्ज करवाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय इलाज कराने की सलाह देकर लौटा दिया. मृतका की बेटी मौसमी ने कहा कि "अगर पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर लेती तो शायद मेरी मां आज जिंदा होती".
दूसरे दिन फिर किया हमला
इलाज के बाद जब परिवार घर लौटा तो अगले ही दिन यानी 3 अक्टूबर की सुबह फिर वही पड़ोसी सत्यम और उसके परिजन रानी देवी के घर में घुस गए और दोबारा हमला कर दिया. इस बार उन्होंने महिला को बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई. परिजन रानी देवी को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
परिवार ने थाने में शव रखकर किया हंगामा
मां की मौत से आक्रोशित परिवार ने नरवल थाने में शव रखकर जमकर हंगामा किया और पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया. परिजनों का कहना है कि अगर पहले ही एफआईआर दर्ज हो जाती तो आरोपियों के हौसले इतने बुलंद न होते.
पुलिस ने कही यह बात
इस मामले में एसीपी अभिषेक पांडे ने कहा कि "पीड़िता की बेटी की शिकायत पर पहले मारपीट का केस दर्ज किया गया था, अब हत्या की धाराएं भी जोड़ी गई हैं. एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है और अन्य की तलाश जारी है. मामले की गहराई से जांच की जा रही है."
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, रानी देवी और उनके पड़ोसियों के बीच पहले से विवाद चल रहा था जो अब खूनी संघर्ष में बदल गया. इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
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