गाजियाबाद में दारोगा ने महिला से बनाए अवैध संबंध फिर दवाइयां देकर करा दिया गर्भपात! आरोपी का नाम सामने आया
गाजियाबाद के लोनी थाना क्षेत्र में तैनात दरोगा जयसिंह निगम पर रेप, धोखा और जबरन गर्भपात कराने के गंभीर आरोप लगने के बाद कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है.
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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले एक बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां के लोनी थाना क्षेत्र में तैनात दारोगा जयसिंह निगम के खिलाफ गंभीर आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई है. बता दें कि पीड़िता ने आरोप लगाया है कि दारोगा ने उसे धोखा देकर शादी का झांसा दिया, फिर जबरन गर्भपात कराया और बाद में धमकियां दीं. इस मामले की शिकायत के बाद कोर्ट के आदेश पर लोनी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
दरोगा पर लगा जबरन गर्भपात का आरोप
पीड़िता ने बताया कि साल 2019 में थाना साहिबाबाद में दर्ज एक मामले की जांच के दौरान दरोगा जयसिंह निगम ने उनसे नजदीकियां बढ़ानी शुरू कीं थी. आरोपी ने खुद को अविवाहित बताकर शादी का झांसा दिया और शारीरिक संबंध बनाए. जब पीड़िता गर्भवती हुई तो आरोपी ने दवाइयां देकर उसका जबरन गर्भपात कराया.
पहले से शादी शुदा था आरोपी
पीड़िता ने बताया कि जब उसने शादी की मांग की तो आरोपी टालमटोल करता रहा. इसके बाद दोनों ने 1 जुलाई 2024 को आर्य समाज मंदिर में शादी की और अगले दिन कोर्ट मैरिज भी की. लेकिन पीड़िता का आरोप है कि शादी के बाद भी जयसिंह निगम ने उसे अपने साथ नहीं रखा. बाद में खुलासा हुआ कि आरोपी पहले से शादीशुदा है. इस बात को छिपाकर उसने पीड़िता के साथ धोखा किया और उसका जीवन बर्बाद कर दिया.
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धमकियां और झूठे मुकदमे का आरोप
पीड़िता ने कहा कि जब उसने आरोपी के खिलाफ गाजियाबाद कमिश्नर को शिकायत दी तो आरोपी ने उसे धमकाया कि अगर उसने शिकायत वापस नहीं ली तो वह उसके और उसके भाइयों को झूठे गंभीर मुकदमों में फंसा देगा. पीड़िता ने बताया कि इसी के बाद उसके भाई को भी झूठे केस में फंसाया गया.
कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई एफआईआर
पीड़िता ने लगातार थानों और पुलिस अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटे लेकिन आरोपी के पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई. मजबूर होकर पीड़िता ने कोर्ट का सहारा लिया. कोर्ट के आदेश पर लोनी थाने में जयसिंह निगम के खिलाफ बलात्कार, धोखाधड़ी, गर्भपात कराने और धमकी देने समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि मामले की जांच कर रहे अधिकारी उस पर समझौते का दबाव बना रहे हैं. वहीं, न्याय के लिए वह संघर्ष कर रही है और उचित कार्रवाई की मांग कर रही है.
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