नाम निधि तिवारी काम यूपी रोडवेज में कंडक्टर... 1 साल के बच्चे को सीने पर बांध काटती हैं बस में टिकट, इमोशनल है कहानी

निधि तिवारी जालौन के एट थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं. वह उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की रोडबेज बस में उरई डिपो में महिला कंडेक्टर के पद पर कार्यरत हैं.

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प्रमोद कुमार गौतम

13 Nov 2025 (अपडेटेड: 13 Nov 2025, 01:51 PM)

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वर्किंग वुमन के लिए घर और ऑफिस की जिम्मेदारियों को एक साथ बैलेंस करना एक बड़ी चुनौती होती है. लेकिन इसके बावजूद भी लाखों ऐसी महिलाएं हैं जो घर के साथ-साथ अपनी प्रोफेशनल लाइफ भी अच्छे से बैलेंस करती हैं. इसका चलता फिरता उदाहरण जालौन की रहने वाली निधि तिवारी भी हैं. निधि यूपी परिवहन में बस कंडक्टर के रूप में कार्यरत हैं. निधि तिवारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वह अपने बच्चे को दुप्पटे से बांधकर अपनी ड्यूटी करती नजर आ रही हैं.

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वीडियो में क्या दिखा

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि निधि तिवारी बस के अंदर अपने मासूम बच्चे को दुपट्टे की मदद से सीने से बांधे हुए हैं.  इसके अलावा उनके एक हाथ में टिकट बनाने वाली मशीन भी है.  इसके साथ-साथ वह बस में बैठे सवारियों का टिकट बना रही हैं. 

कौन हैं निधि तिवारी

निधि तिवारी जालौन के एट थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं. वह उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की रोडबेज बस में उरई डिपो में महिला कंडेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. महिला कंडेक्टर निधि तिवारी के मुताबिक उनके पति मोहित ई-रिक्शा डिस्ट्रीब्यूटर के यहां काम करते हैं.  दोनों ने लवमैरिज की थी. शादी के बाद उनका एक बेटा है जिसकी उम्र अब लगभग एक साल हो गई है. शादी के बाद परिवार की स्थितियों को देखते हुए दोनों अलग रहने लगे.

निधि ने बताया कि नौकरी के चक्कर में उनके पति बाहर रहते हैं. वहीं उनका बेटा काफी छोटा है. ऐसे में वह उसे अकेला नहीं छोड़ सकती हैं. इस वजह से वह नौकरी के साथ-साथ अपने मां की भी जिम्मेदारी निभा रही हैं. निधि ने बताया कि वह बच्चे को लेकर सुबह 6 बजे निकलती हैं और उरई डिपो पहुंच जाती हैं. इसके बाद वह यहां से झांसी वाली बस में ड्यूटी करती हैं. वहीं जब बच्चे को रास्ते में भूख लगती है तो वह उसे बोतल से दूध पिला देती हैं और दूसरे हांथ से सवारियों के टिकट भी बना देती हैं. उन्होंने बताया कि कभी-कभी तो बच्चे को दुपट्टे की मदद से सीट पर बैठाकर दूसरों की देख-रेख में ड्यूटी करनी पड़ती है. क्योंकि मां का फर्ज भी निभाना है और नौकरी की जिम्मेदारी भी.

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