उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में पुलिस ने एक सनसनीखेज ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा किया है. 18 फरवरी 2024 को हुए हत्याकांड में राकेश नाम के एक युवक की हत्या उसके ही रिश्ते के फूफा ने की थी. मृतक के गले में तार और मफलर लपेटकर गला घोंटा गया और फिर पहचान छिपाने के लिए शव को पेट्रोल डालकर जला दिया गया था. आरोपी फूफा देवी राम सिंह ने राकेश की हत्या के पीछे की वजह बताते हुए खुलासा किया कि मृतक ने उसकी नाबालिग बेटी का नहाते हुए वीडियो बना लिया था. ऐसे में राकेश उसकी बेटी को ब्लैकमेल करता था. फिलहाल पुलिस ने मुख्य आरोपी देवी राम को गिरफ्तार कर लिया है जबकि इस घटना का एक और दोषी अभी भी फरार है.
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ब्लैकमेलिंग बनी हत्या की वजह
पुलिस की जांच में सामने आया है कि मृतक राकेश का आरोपी देवी राम सिंह की नाबालिग बेटी से संबंध था.गिरफ्तार आरोपी ने मृतक युवक पर आरोप लगाया है कि राकेश ने नहाते समय उसकी नाबालिक बेटी की फोटो खींच ली थी और बाद में इन तस्वीरों के आधार पर उसे ब्लैकमेल करने लगा. यह बात जब युवती के पिता को पता चली तो उसने राकेश को रास्ते से हटाने की ठान ली.
बुलाने से लेकर हत्या और सबूत मिटाने तक
18 फरवरी 2024 की रात आरोपी देवी राम ने अपने रिश्ते के साले के लड़के राकेश सिंह को विश्वास में लेकर अपनी मिठाई की दुकान पर बुलाया. देवी राम के मिठाई की दुकान आगरा ग्वालियर हाईवे के किनारे ककुआ से कुबूलपुर जाने वाली सड़क पर है. देवी राम के बुलाने पर राकेश उसके पास दुकान पर पहुंच गया. दुकान पर आने के बाद आरोपी ने पीछे से मफलर और लोहे का तार डालकर राकेश का गला घोंटकर हत्या कर दी. इसके बाद देवी राम ने अपने भतीजे नित्य किशोर को बुलाया और दोनों ने मिलकर शव को प्लास्टिक के ड्रम में भर दिया. नित्य किशोर के साथ देवी राम लोडर से ड्रम को खारी नदी के पास सुनसान इलाके में ले गया. सुनसान इलाके में पहुंचकर ड्रम को दोनों ने लोडर से नीचे उतारा और पेट्रोल डालकर जला दिया गया.
पहचान से बचने के लिए मिटाए सबूत
आरोपी ने न सिर्फ राकेश की हत्या की बल्कि सबूत को जलाकर अथवा फेंक कर मिटाने की कोशिश भी की. मृतक का मोबाइल फोन, मफलर और तार खारी नदी में फेंक दिए. जबकि उसकी बाइक हाईवे किनारे छोड़ दी गई. आरोपी खुद अपनी मिठाई की दुकान बंद करके दिल्ली चला गया और वहां नौकरी करने लगा. 20 फरवरी 2024 को थाना सैंया पुलिस को अधजला शव मिला. लेकिन इससे पहले पुलिस को राकेश की गुमशुदगी की तहरीर मिल चुकी थी. शव की हल्की-फुल्की शिनाख्त को पुख्ता करने के लिए पुलिस ने परिजनों को मौके पर बुलाया. लेकिन परिजन शव को देखकर पहचान नहीं कर पाए. बाद में डीएनए परीक्षण के लिए भेजा गया. मृतक का डीएनए जांच में अपनी मां से मिल गया. मां से डीएनए मिलने के आधार पर मृतक की तकनीकी शिनाख्त की गई.
पुलिस की पड़ताल
मामले की गंभीरता को देखते हुए मलपुरा थाने की पुलिस टीम, सर्विलांस सेल और एसओजी को लगाया गया. लगातार निगरानी और तकनीकी जांच के आधार पर 15 सितंबर 2025 को आरोपी को जगदीशपुर पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उसने पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया.
हत्यारोपी का आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार आरोपी की पहचान देवीराम पुत्र शंकर सिंह निवासी ग्राम कबूलपुर थाना मलपुरा, आगरा के रूप में हुई है. उसका साथी और घटना में सहअभियुक्त नित्य किशोर अभी भी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है.
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