भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. ऐसे में आगरा के ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए एक व्यापक मॉक ड्रिल की गई. करीब एक घंटे तक चले इस मॉक ड्रिल में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर आतंकी हमले जैसे सीन को क्रिएट किया. ड्रिल के दौरान ऐसा परिदृश्य रचा गया जैसे ताजमहल पर हमला हो गया हो और दो आतंकी यमुना किनारे से दाखिल होकर स्मारक के अंदर घुस आए हों.
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बता दें कि मॉक ड्रिल की शुरुआत शाम 6:40 बजे हुई. इस दौरान ऐसा सीन क्रिएट किया गया जिसमें दो नकली आतंकियों ने यमुना किनारे दशहरा घाट से ताजमहल में घुसपैठ की हो. सीन के अनुसार, आतंकियों ने CISF जवानों को 'घायल' कर स्मारक के बेसमेंट क्षेत्र की ओर भागने की कोशिश की. सूचना मिलते ही क्विक रिएक्शन टीम (QRT), बम निरोधक दस्ता (BDDS), डॉग स्क्वॉड, राज्य पुलिस, फायर सर्विस और अन्य एजेंसियां तुरंत हरकत में आईं.
CISF जवानों ने सघन तलाशी और त्वरित कार्रवाई के बाद आतंकियों को 'गिरफ्तार' कर लिया. इस दौरान वॉच टावर से लगातार निगरानी रखी गई और बुलेटप्रूफ यूनिट को सक्रिय किया गया. मॉक ड्रिल के दौरान ताजमहल के नौ बैरियरों पर वाहनों की गहन जांच की गई. कारों की डिग्गी तक खोलकर सूक्ष्म तलाशी ली गई. स्मारक के अंदर और आसपास पर्यटकों पर पैनी नजर रखी गई. ड्रिल के समापन पर सुरक्षा बलों को ब्लैकआउट स्थिति और रेस्क्यू ऑपरेशन से निपटने की.
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