आगरा पुलिस महकमे में रिश्वतखोरी का एक शर्मनाक और अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां थाना कोतवाली के दो सिपाहियों ने नकद रिश्वत न मिलने पर एक दुकानदार से चार जोड़ी ब्रांडेड जूते ले लिए. दुकानदार की शिकायत पर पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने दोनों सिपाहियों को तुरंत सस्पेंड कर दिया. इसके अलावा 6 और पुलिसवालों के खिलाफ भी अनुशासनहीनता और रिश्वतखोरी के आरोपों में जांच शुरू कर दी गई है.
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इस मामले से जुड़ी यूपी Tak की पूरी वीडियो रिपोर्ट को यहां नीचे देखा जा सकता है
रिश्वत में जूते लेने का पूरा मामला जानिए
रिपोर्ट के मुताबिक थाना कोतवाली के सिपाही कौशल और विश्वनाथ किसी जूता व्यापारी के मामले की जांच में पहुंचे थे. आरोप है कि इन दोनों सिपाहियों ने कारोबारी से रिश्वत में पैसे मांगे. जब व्यापारी ने पैसे देने से इंकार किया तो उन्होंने जूते रिश्वत के तौर पर ले लिए. इसके अलावा थाना लोहा मंडी में तैनात आरक्षी प्रतीक को भी गैंगस्टर एक्ट के नाम पर वसूली करने के आरोप में सस्पेंड किया गया है. जांच के घेरे में आए पुलिसकर्मियों में उपनिरीक्षक धर्मवीर (थाना केरावली), अंकित चौहान और दीपिका (थाना एतमादपुर), कपिल कुमार (पुलिस चौकी छलेसर) और अभिषेक (थाना सिकंदरा) शामिल हैं. इनमें से कई पासपोर्ट सत्यापन या विवेचना जैसे मामलों में रिश्वत मांगने के दोषी पाए गए हैं.
पुलिस कमिश्नर ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई भी पुलिसकर्मी रिश्वत की मांग करता है तो तुरंत 7839860813 हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करवाएं. शिकायत करने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. यह मामला प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार रोकने के दावों को कठघरे में खड़ा कर रहा है क्योंकि अकेले आगरा में छह पुलिसकर्मियों को रिश्वतखोरी के आरोप में सस्पेंड किया गया है.
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