Agra News: आगरा के एत्मादपुर क्षेत्र में मार्च महीने में हुई पुलिस छापेमारी में बरामद मांस की जांच रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है. एफएसएल, मथुरा (फॉरेंसिक साइंस लैब) की रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि जब्त किया गया मांस गौमांस है. इस रिपोर्ट के बाद अब पुलिस ने कागजी कार्रवाई पूरी करते हुए धर पकड़ की कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस ने मुकदमे में 3/4/5 गोकशी अधिनियम की धाराएं बढ़ा दी हैं और साजिद नामक आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे कर दिया है.
ADVERTISEMENT
एसीपी पीयूष कांत ने जानकारी दी है कि एक घर में पुलिस द्वारा रेट की गई थी जिसमें मांस और खाल बरामद हुई थी जिसमें चार लोगों को गिरफ्तार करके कार्रवाई की गई थी और मौके से जेल भेजा गया था. पीयूष कांत ने बताया है कि मांस के सैंपल को लेकर जांच के लिए एफएसएल में भेजा गया था. उन्होंने बताया है कि जांच की परीक्षण रिपोर्ट अभी आई है, जिसमें गौमांस की पुष्टि हुई है.
गौरतलब है कि थाना एत्मादपुर के अंतर्गत मोहल्ला शेखान में 17 मार्च 2025 को पुलिस टीम ने छापेमारी कर 275 किलो मांस, 1230 किलो चर्बी, 11 कट्टे मांस, पशुओं की खाल, चाकू, तराजू, बंट और एक स्कूटी बरामद की थी. बरामद मांस के नमूनों को जांच के लिए एफएसएल भेजा गया था.
पहले साधारण धाराओं में हुई थी कार्रवाई
पुलिस ने पहले इस मामले में सामान्य धाराओं में केस दर्ज किया था, जिससे आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद अदालत से जमानत भी मिल चुकी है. लेकिन एफएसएल की रिपोर्ट ने अब जांच की दिशा ही बदल दी है. अब आरोपियों पर आईपीसी की धारा 429 के साथ-साथ उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम की धारा 3/5/8 भी लागू की जाएगी.
अब तक ये हुए गिरफ्तार, इतने नामजद
अब तक पुलिस ने उस्मान, वाहिद, विक्की और समीर को गिरफ्तार किया है. वहीं फरमान, बबलू, सजिद, टिल्लू उर्फ आरिफ, राशिद, अबरार, नदीम, सलीम, गोविंदा, कदीम, समीम और साजिया सहित कुल 17 लोगों को नामजद किया गया है.
नकली घी और साबुन बनाने की साजिश का शक
मिली जानकारी के मुताबिक भविष्य के दौरान पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि चर्बी का इस्तेमाल साबुन बनाने में किया जा रहा था. आरोपियों ने सफाई दी कि चर्बी साबुन बनाने के लिए थी.
पुलिस की अगली रणनीति
एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर अब पुलिस केस को और सख्ती से आगे बढ़ा रही है. नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है. वहीं चर्बी के व्यापार और उसके संभावित इस्तेमाल को लेकर भी वैज्ञानिक परीक्षण कराए जाएंगे.
ADVERTISEMENT
