अल्लाह के रसूल के नाम पर कुर्बानी दे रहा हूं...देवरिया के ईसमुहम्मद अंसारी ने बकरे की जगह काटी खुद की गर्दन, पर बेटे ने कुछ और बताया

राम प्रताप सिंह

देवरिया जिले में बकरीद पर एक बेहद हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां ईसमुहम्मद अंसारी नाम के एक शख्स ने कथित तौर पर अपनी गर्दन काटकर खुद की कुर्बानी दे दी. जानें क्या है मामला?

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Deoria News: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में बकरीद पर एक बेहद हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां ईसमुहम्मद अंसारी नाम के एक शख्स ने कथित तौर पर अपनी गर्दन काटकर खुद की कुर्बानी दे दी, जिससे इलाके के लोग सन्न हैं. मृतक के बेटे अहमद अंसारी ने इस घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी है.

पलानी में हुई घटना, बेटे ने देखा लहूलुहान पिता

अहमद अंसारी ने बताया कि बकरीद के दिन वे और उनके पिता मस्जिद से नमाज पढ़कर घर लौटे. इसके बाद, उनके पिता ईसमुहम्मद अपनी पलानी (झोपड़ी) में घुस गए, और एक लकड़ी का फाटक सा लगा लिया ताकि कोई अंदर न जा सके. अंदर जाकर वे अगरबत्ती जलाने लगे. उनकी मां उन्हें देखने गईं तो उन्हें लगा कि जैसे कोई रंग लगा हो, क्योंकि अंधेरा होने के कारण स्पष्ट दिख नहीं रहा था.

कुछ देर बाद अहमद खुद अपने पिता को खाना खाने के लिए बुलाने गए. उन्होंने मोबाइल टॉर्च जलाकर देखा तो पाया कि काफी खून फैला हुआ था और उनके पिता गिरे हुए थे. वे अपने पिता को बाहर निकालकर लाए, तब ईसमुहम्मद ने कहा कि "मैं अपना गला काट चुका हूं." इसके बाद परिवार ने फौरन एम्बुलेंस को फोन किया और उन्हें अस्पताल ले गए. ईसमुहम्मद अंसारी की इलाज के दौरान गोरखपुर में मृत्यु हो गई.

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दरगाह जाने और 'कुर्बानी' के मायने

अहमद अंसारी ने यह भी बताया कि उनके पिता अक्सर आजमगढ़ में जब उर्स लगता था, तो वहां जाते थे और 'खेलते' (झूमते) थे. इस बुधवार को भी वे वहां गए थे, बृहस्पतिवार को वहीं रहे और शुक्रवार को लौटे थे. अहमद के अनुसार, इस बकरीद पर उनके घर में बकरे की कुर्बानी नहीं दी गई, क्योंकि बकरा बहुत छोटा था.

जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके पिता कुर्बानी के खिलाफ थे, क्योंकि उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा था कि "जिस बकरे को बेटे की तरह पालते हैं उसे कुर्बानी दी जाती है, वह भी एक जीव है और मैं अल्लाह के रसूल के नाम पर कुर्बानी दे रहा हूं," तो बेटे ने इस बात से इनकार किया. अहमद ने बताया कि उनके पिता कुर्बानी के खिलाफ नहीं थे, और न ही उनका कोई ऐसा बकरा था जिसे वे बहुत मानते हों या बहुत प्यारा रहा हो.

अहमद अंसारी ने जानकारी दी कि उनके पिता के शव का आज पोस्टमॉर्टम होगा और उसके बाद उन्हें कर्बला में दफन किया जाएगा. गांव के लोगों ने ईसमुहम्मद को बहुत ही शरीफ इंसान बताया, जो किसी की बुराई नहीं करते थे, किसी से फालतू बात नहीं करते थे और घर का सारा काम करते थे. इस घटना ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है.

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