अखिलेश से अलग होकर बैकफुट पर PDM का नारा देने वाली पल्लवी पटेल! ओवैसी ने ही सिंबल देने से किया मना

आशीष श्रीवास्तव

22 Apr 2024 (अपडेटेड: 22 Apr 2024, 02:02 PM)

दूसरे चरण के मतदान से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अलग ही उठापटक का दौर देखने को मिल रहा है. अखिलेश यादव के PDA के सामने PDM का नारा लगाने वाली पल्लवी पटेल बैकफुट पर आ गई हैं.

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UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है. पहले चरण के मतदान के बाद अब 26 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान होना है. वहीं दूसरे चरण के मतदान से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अलग ही उठापटक का दौर देखने को मिल रहा है. अखिलेश यादव के PDA के सामने PDM का नारा लगाने वाली पल्लवी पटेल बैकफुट पर आ गई हैं. पहले गठबंधन में शामिल ओवैसी ने उन्हें अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह देने से इनकार कर दिया और अब सिंबल को लेकर दायर की गई उनकी याचिका को हाई कोर्ट ने भी खारिज कर दिया है.

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ओवैसी ने ही सिंबल देने से किया मना

जानकारी के मुताबिक, अपना दल कमेरा वादी कि पल्लवी पटेल ने समाजवादी पार्टी से लाग होकर PDA की तुलना में PDM तैयार किया था. जिसमें असुवेद्देन ओवैसी के साथ यूपी में नया मोर्चा पीडीएम यानी पिछड़ा दलित मुस्लिम नाम से तैयार किया.   जिसमें पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अपना सिंबल देने से मना कर दिया यानी अब PDM से उतरा हुआ प्रत्याशी ओवैसी की 'पतंग' के सिंबल पर नहीं लड़ सकता. इसके बाद दूसरा बड़ा झटका चुनाव चिन्ह को लेकर लगा, जिसमें अपना दल कमेरावादी के चुनाव चिन्ह को निर्वाचन आयोग ने वार्षिक आय व्यय का ब्यौरा न देने के कारण चुनाव आयोग ने लिफाफा सिंबल जारी नहीं किया. वहीं कोर्ट ने भी इस याचिका को खारिज कर दिया है. 

बैकफुट पर पल्लवी पटेल 

वहीं चुनाव में उतरे प्रत्याशियों के सामने सिंबल को लेकर भी असमंजस बना हुआ है. हालांकि पीडीएम लगातार अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर रहा है और हाल ही में बरेली के प्रत्याशी ने लिफाफा को लेकर अपना नामांकन फाइल किया था, जोकि कैंसिल हो गया और अब वह फ्री सिंबल के लिए प्रयास कर रहे हैं. इससे पहले पल्लवी पटेल द्वारा PDM में पल्लवी ने दो चरणों की नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद 13 अप्रैल सात सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए. इनमें बरेली,  हाथरस, फिरोजाबाद, रायबरेली, फतेहपुर, चंदौली शामिल हैं. बरेली के प्रत्याशी रियासत यार खां का पर्चा शुक्रवार को सिंबल न मिल पाने की वजह से कैंसिल हो गया. अब ऐसे में पार्टी को हर सीट के लिए चुनाव चिन्ह की मांग करनी पड़ेगी. जहां पर 'लिफाफा' चुनाव चिन्ह जारी नहीं हुआ होगा वहां पर वह दूसरी चुनाव चिन्ह के जरिए लड़ना होगा. 

अपना दल कमेरावादी की नेता पलवी पटेल के मुताबिक,  चुनावी सिंबल लिफाफा उनको नहीं मिल पाया है क्योंकि उनकी नेशनल पार्टी भी नहीं थी और कुछ डॉक्यूमेंट इश्यूज थे. हालांकि जहां पर 'लिफाफा' जारी नहीं किया होगा, वहां पर हमको मिल जाएगा और इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी के प्रत्याशी नहीं उतर रहे हैं. उन्होंने अपने प्रत्याशी पीडीएम के माध्यम से उतारने की बात कही है तो हम लोग साथ में और पिछला दलित और मुस्लिम मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

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