अफजाल ने CM योगी को बताया 'सबसे बड़ा माफिया' तो BJP के पारस राय ने दिया अंसारी परिवार को ये जवाब

विनय कुमार सिंह

04 May 2024 (अपडेटेड: 04 May 2024, 01:17 PM)

गाजीपुर में जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की वोटिंग का दिन नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे प्रत्याशियों की जुबानी जंग तेज हो गई है. एक तरफ यहां मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा है

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Ghazipur Loksabha Seat News: गाजीपुर में जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की वोटिंग का दिन नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे प्रत्याशियों की जुबानी जंग तेज हो गई है. एक तरफ यहां मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा है. वहीं, दूसरी तरफ गाजीपुर से गाजीपुर से भाजपा उम्मीदवार पारस नाथ राय ने भी अपने विपक्षियों पर तंज के तीर चलाए हैं. खबर में आगे जानिए दोनों ने क्या-क्या है? 

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अफजाल ने सीएम योगी को बताया सबसे बड़ा माफिया

 

गाजीपुर लोकसभा के एक गांव में चुनावी चौपाल के दौरान मंच से खड़े होकर अफजाल अंसारी ने सरकार की नीतियों और बड़े उनके नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को तड़ीपार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सबसे बड़ा माफिया बताया. 

 

 

मेरे भाई को स्लो पॉइजन देकर मार दिया: अफजाल

उन्होंने कहा कि 'सरकार मेरे पीछे पड़ी हुई है और मेरा भाई मुख्तार अंसारी जो साढ़े 18 सालो से जेल में बंद था, उसे इन लोगों ने अपनी अभिरक्षा में जेल में ही स्लो प्वाइजन देकर मार दिया. इन बेशर्मों को शर्म भी नहीं आती कि उसे हार्ट अटैक बता रहे हैं. भाजपा सरकार को हटाना है वरना देश का संविधान खतरे में है.'

पारस नाथ राय ने बोला हमला

वहीं, भाजपा प्रत्याशी पारस नाथ राय ने अपने जनसंपर्क अभियान में अफजाल अंसारी और अंसारी परिवार के साथ समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि 'जो माफिया है उसे माफिया ही कहा जाएगा और इनको शर्म नहीं आती...यह चार बार विधायक और दो बार सांसद रहे हैं. इनका आचरण वैसा नहीं है जैसा होना चाहिए. 

 

 

उन्होंने कहा, "अफजाल के ऊपर आपराधिक मुकदमा चल रहा है और जाने कब कोर्ट से सजा का फरमान आ जाए तो इनका टिकट भी कट सकता है. ऐसे में यह इतने कृतघ्न और स्वार्थी हैं कि इन्हें अपनी इतनी बड़ी पार्टी का कोई कार्यकर्ता ही नहीं दिखा न घर में सगा भतीजा और सगे भाई ही दिखी. अरे इन्होंने अपनी बेटी को अपना वारिस घोषित कर दिया और ये सोचते हैं कि जबतक वो नहीं लड़ेगी देश का विकास ही नहीं होगा. इन लोगों को शर्म नहीं आती और आएगी भी कहां से क्योंकि जिस समाजवादी पार्टी से यह चुनाव लड़ रहे हैं उसके मुखिया अखिलेश यादव को भी इतनी बड़ी पार्टी में अपनी जाति में कोई बुद्धिजीवी नेता नहीं दिखा, केवल परिवार के लोगों को ही टिकट दिया. हमारे दल को देखिए मुझ जैसे एक आम कार्यकर्ता पर भरोसा जताया है."

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