गोरखपुर के दीपक गुप्ता हत्याकांड में 1 लाख के इनामी बदमाश जुबैर उर्फ कालिया को UPSTF ने किया ढेर

Gorakhpur Deepak Gupta Murder case Update: गोरखपुर के NEET छात्र दीपक गुप्ता हत्याकांड का आरोपी और 1 लाख का इनामी पशु तस्कर जुबैर उर्फ कालिया रामपुर में UPSTF के साथ मुठभेड़ में मारा गया.

Photo: Zubair Urf Kalia

संतोष शर्मा

27 Sep 2025 (अपडेटेड: 27 Sep 2025, 12:36 AM)

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Gorakhpur Deepak Gupta Murder case Update: गोरखपुर के चर्चित NEET छात्र दीपक गुप्ता हत्याकांड मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. हत्या का आरोपी और 1 लाख का इनामी जुबैर उर्फ कालिया एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया है. यह बड़ी सफलता उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) को मिली है. UPSTF ने एक लाख रुपये के इनामी पशु तस्कर जुबैर उर्फ कालिया को रामपुर में हुई मुठभेड़ में मार गिराया. जुबैर पर गोरखपुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी होने के साथ-साथ कई अन्य मामलों में भी फरार होने का आरोप था. 

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कौन है एनकाउंटर में ढेर हुआ बदमाश जुबैर?

मुठभेड़ में मारे गए आरोपी की पहचान जुबैर उर्फ कालिया (उम्र 26 वर्ष) के रूप में हुई है. जुबैर के पिता का नाम फिरासत उर्फ नौरंगी है. यह रामपुर जिले के थाना कोतवाली स्थित घेर मर्दान खां का रहने वाला था. जुबैर के परिवार में चार भाई और तीन बहनें हैं।

बिहार गैंग की संलिप्तता की बात आई सामने

इस मामले में यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है. इससे पहले पुलिस ने आरोपी पशु तस्कर रहीम को भी एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था, जिसे शुरू में मामले का मुख्य आरोपी बताया गया था. पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया था कि रहीम के माध्यम से ही बिहार के गोपालगंज का एक पशु तस्करों का गैंग इस हत्याकांड में शामिल हुआ था. पुलिस इस मामले में रहीम, जुबैर के अलावा अब तक छोटू, राजू और अजब हुसैन समेत तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर चुकी है. 

क्या है गोरखपुर का दीपक गुप्ता हत्याकांड?

गोरखपुर का यह मामला पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगलधूसड़ इलाके का है. 19 वर्षीय छात्र दीपक गुप्ता NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) की तैयारी कर रहा था. दीपक गुप्ता की हत्या पशु तस्करों ने की थी. यह घटना देर रात लगभग 12 बजे के बाद हुई, जब पशु तस्करों की गाड़ियां गांव में पहुंचीं. छात्र दीपक गुप्ता ने रात के समय अपने गांव से पशु तस्करों को भागते हुए देखा. जब तस्कर पशुओं को गाड़ी में ले जाने लगे और गांव में शोर मच गया, तो दीपक ने उनका पीछा किया. तस्करों ने उसे पकड़कर जबरन अपनी गाड़ी में बैठा लिया. बाद में तस्करों ने उसकी निर्मम हत्या कर दी और शव को दूर फेंककर फरार हो गए थे. 

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