पवन सिंह का विवादों ने नहीं छोड़ा पीछा पर बाजी मार गए खेसारी यादव, भोजपुरी के दोनों सुपरस्टार में किसका इम्पैक्ट ज्यादा?

बीजेपी के स्टार प्रचारक पवन सिंह को अपने निजी विवाद के चलते टिकट से दूर होना पड़ा. वहीं दूसरी ओर खेसारी लाल यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में शामिल होकर सीधे चुनावी मुकाबले में उतरने का सियासी दांव खेल दिया है.

Khesari and Pawan

यूपी तक

17 Oct 2025 (अपडेटेड: 17 Oct 2025, 03:03 PM)

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बिहार विधानसभा चुनाव में भोजपुरी सितारों की एंट्री हो चुकी है.इस चुनाव में जिन सितारों की सबसे अधिक चर्चा है उनमें परस्टार पवन सिंह और खेसारी लाल यादव शामिल हैं.एक ओर जहां बीजेपी के स्टार प्रचारक पवन सिंह को अपने निजी विवाद के चलते टिकट से दूर होना पड़ा. वहीं दूसरी ओर खेसारी लाल यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में शामिल होकर सीधे चुनावी मुकाबले में उतरने का सियासी दांव खेल दिया है.खेसारी लाल यादव को आरजेडी ने छपरा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. 

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भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह की एंट्री को लेकर राजनीतिक गलियारों में बड़ा हंगामा था. माना जा रहा था कि वह आरा सीट से चुनावी ताल ठोकेंगे जिससे शाहबाद क्षेत्र की कई सीटों पर भाजपा को लाभ मिलता. हालांकि पत्नी ज्योति सिंह के साथ चल रहे पारिवारिक विवाद ने उन्हें बैकफुट पर धकेल दिया. विवाद इतना बढ़ा कि पवन सिंह को टिकट से वंचित होना पड़ा. ऐसे में अब पवन सिंह केवल पार्टी के लिए प्रचार करने तक सीमित रह गए हैं.

खेसारी लाल यादव का राजनीतिक दांव 

खेसारी लाल यादव ने चुनाव से ठीक पहले एक तिलिस्मी एंट्री की. चुनाव लड़ने से लगातार इनकार करने के बावजूद नामांकन से ठीक पहले वह सीधे 'राबड़ी आवास' पहुंचे. उन्होंने तेजस्वी यादव और लालू यादव से मुलाकात की, पार्टी की सदस्यता ली और चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.

आरजेडी की तरफ से पहले उनकी पत्नी चंदा देवी को उम्मीदवार बनाने की चर्चा थी. लेकिन बाद में खेसारी खुद चुनावी मैदान में उतरे. पार्टी में शामिल होने के बाद खेसारी ने एक भावुक बयान जारी किया. उन्होंने लालू परिवार को अपना 'परिवार' बताते हुए कहा कि वह बिहार की माताओं-बहनों और बच्चों के लिए बेहतर भविष्य चाहते हैं. ताकि कोई भी रोजगार के लिए बाहर न जाए. उन्होंने कहा कि वह बदलाव की इस लहर में एक बेहतर सरकार बनाने के लिए अपना योगदान देना चाहते हैं.

स्टार वॉर में किसका इंपैक्ट ज्यादा?

ऐसा माना जा रहा है कि चुनावी गणित के मामले में खेसारी लाल यादव ने पवन सिंह को पीछे छोड़ दिया है. खेसारी का सीधे चुनावी मैदान में उतरना और आरजेडी की विचारधारा के साथ जुड़ना यादव वोट बैंक में बड़ा उत्साह पैदा कर सकता है. इससे तेजस्वी यादव को उस क्षेत्र से फ्री होकर अन्य सीटों पर प्रचार करने का मौका मिलेगा. वहीं, पवन सिंह का प्रभाव केवल अप्रत्यक्ष प्रचार तक सीमित रह गया है. अब यह देखना रोचक होगा कि खेसारी छपरा विधानसभा सीट पर कैसा प्रर्दशन करते हैं.

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