उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. वादों और घोषणाओं का दौर शुरू हो चुका है और इस बार चुनावी बहस के केंद्र में हैं महिलाएं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से महिलाओं को सालाना 40,000 रुपए देने के ऐलान ने सियासत में चर्चा तेज करदी है. इसे बिहार चुनाव में बीजेपी की 10,000 रुपए वाली योजना का जवाब माना जा रहा है. सवाल यही है कि क्या यह दांव यूपी में भी वैसा ही असर दिखाएगा? इसी सवाल का जवाब तलाशने यूपी Tak की टीम पहुंची गोरखपुर, जहां महिलाओं की राय ने सभी को चौंका दिया.
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अखिलेश यादव का बड़ा ऐलान
आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि यदि 2027 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है तो जरूरतमंद महिलाओं को सालाना 40,000 रुपए दिए जाएंगे. इसमें हर महीने 3,000 रुपए का गुजारा भत्ता शामिल होगा. वैसे तो ये साल में 36,000 रुपए होता है लेकिन शेष राशि ब्याज के रूप में जोड़कर कुल 40,000 रुपए देने की बात कही गई है. यह ऐलान सीधे तौर पर महिला वोटर्स को साधने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है.
गोरखपुर में महिलाओं की राय
गोरखपुर में यूपी Tak की टीम से बातचीत के दौरान कई महिलाओं ने खुलकर अपनी बात रखी. सरिता नाम की महिला ने यूपी Tak की टीम से बात की और अखिलेश यादव के पुराने कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि “बहुत से नेता वादा करके चले जाते हैं, लेकिन ये जो कहते हैं, वो करते भी हैं. बच्चों को भी लैपटॉप दिए थे.”
एक अन्य महिला बिंदा सैनी ने कहा कि “समाजवादी पार्टी ने जो-जो वादे किए जैसे कन्या विद्या धन, लैपटॉप, बेरोजगारी भत्ता, 108 और 102 सेवाएं, उन्हें पूरा किया.”
रेखा देवी नाम की महिला ने कहा कि “हम मजदूर लोग हैं. सुबह 6 बजे निकलते हैं, बच्चे हैं, पढ़ाई करनी है. अगर घर आते ही कुछ पैसा मिल जाए, तो घर चल सकता है.” जब रिपोर्टर ने उनसे पुछा की 3,000 रुपए महीने में क्या होगा, इस सवाल पर उनका जवाब था कि “बहुत कुछ कर लेंगे, छोटा-मोटा काम या बिजनेस शुरू कर लेंगे.”
बिहार का उदाहरण और महिलाओं की चेतावनी
कुछ महिलाओं ने बिहार चुनाव का उदाहरण देते हुए चेतावनी भी दी. उनका कहना था कि “बिहार में चुनाव से पहले 10,000 रुपए दिए गए, महिलाओं ने वोट दिया. लेकिन अब हालत देखिए, घर टूट रहे हैं, ठेले हटाए जा रहे हैं. कहा गया था फिर पैसा मिलेगा, लेकिन कुछ नहीं मिला.” हालांकि इसके बावजूद कई महिलाओं का मानना था कि अखिलेश यादव ने जब भी सरकार चलाई, अपनी घोषणाओं पर अमल किया.
महिलाओं ने कहा पैसा मिलेगा तो वोट मिलेगा
कुछ महिलाओं ने बेझिझक यह भी माना कि वोट अब विकास से ज्यादा आर्थिक मदद पर निर्भर हो गया है. एक महिला ने कहा कि “हां, पैसा मिलेगा तो वोट मिलेगा. नहीं मिलेगा तो कैसे वोट देंगे?” एक अन्य महिला ने इसे सीधे शब्दों में स्वीकार करते हुए कहा कि “ये वोट खरीदना है, लेकिन गरीब आदमी क्या करे?”
महिला वोटर्स और 2027 का गणित
गोरखपुर की महिलाओं की बातचीत से साफ है कि आर्थिक मदद का वादा महिला वोटर्स पर गहरा असर डाल सकता है. आधी आबादी कही जाने वाली महिलाएं मानती हैं कि अगर महीने के 3,000-3,500 रुपए भी मिल जाएं तो वे अपने और अपने परिवार के भविष्य के सपने देख सकती हैं.
अब देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव का यह ऐलान 2027 के विधानसभा चुनाव में कितना असर दिखाता है और क्या महिला वोटर्स इस वादे को निर्णायक बना देंगी.
यहां देखें पूरी वीडियो रिपोर्ट
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