UP बोर्ड 10वीं, 12वीं के एग्जाम को लेकर हुआ बड़ा चेंज, आंसर शीट में क्यों हुआ ये बदलाव समझ लीजिए

UP बोर्ड ने 2026 की परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए आंसर शीट्स का लेआउट बदलकर सुरक्षा बढ़ा दी है. अब लंबाई में कॉपियां, अलग रंग और मोनोग्राम के साथ छपेंगी. बता दें कि परीक्षा 18 फरवरी से 12 मार्च तक होगी.

पंकज श्रीवास्तव

• 06:42 PM • 05 Dec 2025

follow google news

एशिया के सबसे बड़े स्कूल बोर्ड में से एक यूपी बोर्ड ने नकल और आंसर शीट्स की अदला-बदली को रोकने के लिए बड़े बदलाव की घोषणा की है. 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में नकल विहीन माहौल सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने आंसर शीट्स के लेआउट और सुरक्षा व्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव किया है. यह यूपी बोर्ड के सौ साल से भी पुराने इतिहास में पहली बार हो रहा है. ऐसा पहली बार होगा कि कॉपियों की संरचना को पूरी तरह से बदलकर नकल पर रोक लगाने के लिए कदम उठाया गया है.

यह भी पढ़ें...

उत्तर पुस्तिकाओं में बदलाव और सुरक्षा

UP बोर्ड के सचिव भगवती सिंह के अनुसार, आंसर शीट्स का लेआउट पूरी तरह बदल दिया गया है ताकि किसी भी तरह की अदला-बदली की संभावना न रहे. पहले जहां कॉपियां चौड़ाई में छात्रों को दी जाती थीं, वही अब उन्हें लंबाई के लेआउट में दी जाएगी. इसके साथ ही, आंसर शीट्स के रंग और पेज नंबर में भी बदलाव किया गया है. 

आपको बता दें कि अब इंटरमीडिएट की ए कॉपी 24 पेज की होगी, जिसका पहला पेज मजेंटा रंग में डिटेल प्रिंटिंग के साथ होगा. वहीं बी कॉपी 12 पेज की और ग्रीन कलर की होगी. हाई स्कूल की ए कॉपी ब्राउन कलर की और 18 पेज की होगी और बी कॉपी ग्रीन कलर की और 12 पेज की होगी.  इन सभी कापियों में हर पेज पर माध्यमिक शिक्षा परिषद का मोनोग्राम होगा ताकि कसी भी तरह से डुप्लीकेसी या अदला-बदली संभव न हो.

आंसर शीट्स में बदलाव और सुरक्षा

UP बोर्ड की 2026 की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाएं 18 फरवरी से 12 मार्च के बीच आयोजित की जाएंगी. इस बार दोनों कक्षाओं को मिलाकर कुल 52,30,297 परीक्षार्थी रजिस्टर्ड हैं. इसमें हाई स्कूल के 27,50,945 और इंटरमीडिएट के 24,79,352 छात्र शामिल हैं. इन सभी परीक्षार्थियों के लिए लगभग 2 करोड़ 60 लाख आंसर शीट्स की छपाई कराई जा रही है और ये परीक्षा से पहले जनवरी माह में जिलों को भेज दी जाएंगी. 

उत्तर पुस्तिकाओं की छपाई 

आपको बता दें कि उत्तर पुस्तिकाओं का प्रिंटिंग काम प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी और रामपुर में स्थित सरकारी प्रिंटिंग प्रेस से कराया जा रहा है. सचिव भगवती सिंह ने बताया कि नए लेआउट के साथ छात्र उसी प्रारूप में लिखेंगे, जिससे उन्हें परिचित अनुभव होगा और उकी परफॉर्मेंस भी बेहतर होगी. 

साथ ही उत्तर पुस्तिकाओं की डुप्लीकेसी और नकल को रोकने के लिए कई सख्त सुरक्षा प्रावधान किए गए हैं. बोर्ड का कहना है कि इस बार कोई भी नकल माफिया बाहर के प्रिंटिंग प्रेस में इन उत्तर पुस्तिकाओं को छपवा नहीं सकेगा.

यह भी पढ़ें: UPSC ने डिप्टी डायरेक्टर जैसे टॉप के पदों पर निकाली शानदार भर्ती, जानिए कौन कर सकता है अप्लाई और इसके स्टेप्स

    follow whatsapp