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Azamgarh News: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने सिस्टम की असंवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. यहां एक दिव्यांग व्यक्ति अपनी बीमार पत्नी को पीठ पर लादकर जिलाधिकारी कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर है, सिर्फ इसलिए कि उसके घर तक पहुंचने के लिए महज 30 मीटर का एक सही रास्ता नहीं है. यह दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें पीड़ित अपनी लाचारी बयां करते हुए अधिकारियों से रास्ते की गुहार लगाता दिख रहा है.
वीडियो वायरल होने के बाद सामने आई सच्चाई
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में एक दिव्यांग व्यक्ति अपनी पत्नी को पीठ पर लादकर कलेक्ट्रेट कार्यालय में घूम रहा है, क्योंकि उसे आने-जाने का रास्ता नहीं मिल रहा था और वह लंबे समय से अधिकारियों के चक्कर लगा रहा था. इस पूरे प्रकरण की सच्चाई जानने के लिए यूपी Tak की टीम जब जहानागंज थाना अंतर्गत कुंजी गांव में रहने वाले पीड़ित अशोक राम के घर पहुंची, तो हालात और भी स्पष्ट हो गए.
रास्ते की समस्या और ग्रामीणों की नाराजगी
गांव में पड़ताल के दौरान यूपी Tak की टीम ने पीड़ित अशोक राम और गांव के अन्य लोगों से बात की. ग्रामीणों ने पुष्टि की कि वास्तव में अशोक के घर तक पहुंचने के लिए कोई उचित रास्ता नहीं है. जिस पतले रास्ते से वह फिलहाल आ-जा रहा है, उस पर एक सामान्य व्यक्ति का चलना भी मुश्किल है.
ग्रामीणों ने इस बात पर जोर दिया कि अशोक को रास्ता मिलना चाहिए, लेकिन कुछ लोगों की निजी जमीन रास्ते में आने के कारण यह परेशानी बनी हुई है. उनके घर से मुख्य सड़क तक की दूरी केवल 30 मीटर है, लेकिन इस छोटी सी दूरी में निजी भूमि विवाद रास्ता रोक रही है. गांव वालों ने इस स्थिति के लिए राजस्व कर्मियों और लेखपाल की अनदेखी को जिम्मेदार ठहराया. गांव में चकबंदी चल रही है, लेकिन इस महत्वपूर्ण रास्ते पर किसी का ध्यान नहीं गया है, जिससे ग्रामीणों में चकबंदी विभाग और राजस्व कर्मियों के प्रति भारी नाराजगी है.
पीड़ित अशोक के ये हैं गंभीर आरोप
खुद अशोक राम ने इस पूरे प्रकरण पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि पहले रास्ता पास किया जाता है, उसके लिए पैसे लिए जाते हैं और फिर अचानक उसे रद्द कर दिया जाता है. इस तरह के 'झंझावातों' से निपटने के लिए ही वह अपनी पत्नी को पीठ पर लादकर कलेक्ट्रेट के लगातार चक्कर लगा रहा था.
पत्नी को पीठ पर लादकर क्यों जाना पड़ा DM ऑफिस?
अशोक ने बातचीत के दौरान यह भी बताया कि किन परिस्थितियों में उन्हें अपनी पत्नी को पीठ पर लादकर डीएम कार्यालय जाना पड़ा. उन्होंने कहा कि कलेक्ट्रेट परिसर में भले ही लिफ्ट और सीढ़ियां लगी हों, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी. उनके पास जो इलेक्ट्रिक ट्राइसाइकिल है, उसकी पावर कम थी और वह दो लोगों का वजन उठाकर नहीं जा सकती थी. इसलिए, उन्होंने अपनी पत्नी को पीठ पर बैठाकर अधिकारियों से मिलने का कठिन फैसला लिया था.
मीडिया में आने के बाद हरकत में आया प्रशासन
पत्नी को पीठ पर लादकर डीएम कार्यालय पहुंचने का यह दर्दनाक प्रकरण जब मीडिया में आया और सुर्खियों में आया, तो अधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया. खबर है कि आज राजस्व की टीम मौके पर पहुंची भी थी और पीड़ित अशोक राम को आश्वासन दिया है कि उन्हें जल्द ही रास्ता उपलब्ध कराया जाएगा.
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