मुंबई जा रही 14 साल की बच्ची कानपुर में पानी भरने के लिए उतरी पर कांवड़ियों की भीड़ की वजह से ट्रेन में नहीं चढ़ी, फिर ये हुआ

राम प्रताप सिंह

deoria News: 14 साल की एक बच्ची अपनी मौसी के साथ ट्रेन से मुम्बई जा रही थी और पानी लेने के लिए कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर उतरी. इसके बाद जो हुआ उसे खबर में आगे जानिए.

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Deoria News: उत्तर प्रदेश के देवरिया की एक रोमांचक कहानी सामने आई है. यह खबर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगती है. दरअसल, 14 साल की एक बच्ची अपनी मौसी के साथ ट्रेन से मुम्बई जा रही थी और पानी लेने के लिए कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर उतरी. मगर इस दौरान ट्रेन चल दी. कावड़ियों की भीड़ के कारण वह ट्रेन में चढ़ नहीं पाई और गाड़ी चल दी. स्टेशन पर परेशान आर बदहवास बैठी रो रही बच्ची को जीआरपी ने राजकीय बाल गृह भिजवाया और दूसरी तरफ घर वालों ने भी गुमशुदगी के लिए कानपुर जीआरपी को सम्पर्क किया. DM कानपुर नगर जितेंद्र प्रताप सिंह और देवरिया के रामपुर कारखाना से BJP विधायक की पहल पर बच्ची नौ दिन बाद अपने परिजन से मिली तो हर किसी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

गौरतलब है कि थाना बरियारपुर क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 14 साल की बच्ची 14 जुलाई को अपनी मौसी के साथ कुशीनगर एक्सप्रेस से मुम्बई जा रही थी. बच्ची मुम्बई में मौसी के साथ रहकर पढ़ाई करती है. कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर जब ट्रेन रुकी तो वह पानी लेने के लिए प्लेटफॉर्म पर उतर गई, लेकिन कावंड़ियों की इतनी भीड़ थी कि वह ट्रेन में चढ़ नहीं पाई. इस बीच ट्रेन चल दी.

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इधर डरी सहमी बच्ची रेलवे स्टेशन पर रो रही थी और दूसरी तरफ परिजन ट्रेन में बच्ची को ढूंढ रहे थे. वहीं, जब GRP के जवानों की नजर बच्ची पर पड़ी तो उन्होंने चाइल्ड केयर और राजकीय बाल गृह सूचना को दी. बच्ची को राजकीय बाल गृह में रखा गया. इधर परिजनों ने भी गुमशुदगी की रिपोर्ट GRP में दी तो पता चला कि राजकीय बाल गृह में बच्ची सुरक्षित है.

फिर क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र चौरसिया से परिजनों ने सम्पर्क किया, जिसके बाद BJP MLA ने कानपुर नगर के DM जेपी सिंह से बच्ची को परिजनों से शीघ्र मिलवाने का अनुरोध किया. इसके बाद राजकीय बाल गृह कानपुर से बाल गृह देवरिया पत्राचार किया गया. आखिरकार सभी कागजी कारवाई पूरी होने के नौ दिन बाद बीते मंगलवार को बच्ची को उसके पिता व भाई के सुपुर्द किया गया. इस मौके पर भाई और पिता की आंखें भर आईं, जब उनकी बच्ची उनसे लिपटकर रोने लगी.

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