भाजपा के ब्राह्मण विधायकों के सहभोज पर 'सीएम सीटी' गोरखपुर के लोगों ने खुलकर कह दी ये बात

कुशीनगर विधायक पीएन पाठक के यहां ब्राह्मण विधायकों के सहभोज की तस्वीरों ने सियासी हलचल तेज कर दी है. यूपी तक की टीम ने गोरखपुर पहुंचकर ब्राह्मण समाज से बात की, जहां कुछ लोगों ने इसे सामान्य आयोजन बताया तो कुछ ने इसके राजनीतिक मायने भी निकाले.

रवि गुप्ता

26 Dec 2025 (अपडेटेड: 26 Dec 2025, 05:48 PM)

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लखनऊ में यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है. सियासी गलियारों में भी हलचल है. इसी बीच लगभग 30 विधायकों ने कुशीनगर के भाजपा विधायक पीएन पाठक के घर एक बैठक की जिसे कुटुंब नाम दिया गया. लेकिन इस बैठक की तस्वीरें जैसे ही सामने आई दिल्ली तक इसकी चर्चा होने लगी.  विपक्ष ने इसे सत्ता के भीतर जातिगत हलचल बताया है तो वहीं सत्तापक्ष ने इसे महज सहभोज कहा. अभी भी इस मामले को लेकर लगातार चर्चा बनी हुई है. लोगों का कहना है कि क्या यह सिर्फ एक सामाजिक आयोजन था या इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक संदेश छुपा है. इन्हीं सवालों के जवाब तलाशने यूपी Tak की टीम पहुंची सीएम सिटी गोरखपुर, जहां इंदिरा बाल बिहार पार्क में स्थानीय लोगों से इस पूरे घटनाक्रम पर खुलकर बातचीत की गई.

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ब्राह्मण विधायकों के सहभोज का राजनीतिक मायना?

UP Tak से बातचीत में आशीर्वाद मिश्रा ने कहा कि इस सहभोज को राजनीति का मुद्दा बनाना सही नहीं है. रिपोर्टर के सवाल पर कि क्या कल ब्राह्मण समाज के लगभग 50 विधायक एकजुट होकर सिर्फ सहभोज कर रहे थे या इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जा सकते हैं? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि “नहीं, इसको आप लोग राजनीति का मामला नहीं कह सकते हैं. अगर किसी के द्वारा पार्टी या सहभोज बुलाया जाता है और कोई विधायक अपने साथी विधायकों को बुला रहा है तो इसका राजनीति से कोई मतलब नहीं है. भारतीय जनता पार्टी में सभी विधायक और एमएलसी एकजुट हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि “जहां तक ब्राह्मणवाद की बात है तो आज हर आदमी अपना जातिवाद कर रहा है. ठाकुर लोग भी अपना अलग जातिवाद कर रहे हैं. हो सकता है इन लोगों की मीटिंग के कुछ और मायने हों, लेकिन इस पर हम कुछ नहीं कह सकते. यह भारतीय जनता पार्टी की सेना है और आलाकमान पर सबको भरोसा है.”

इसके बाद जब रिपोर्टर ने समाजवादी पार्टी के पीडीए नारे पर सवाल किया और कहा कि अब पीडीए का ‘पी’ पिछड़े से ‘पंडित’ हो गया है तो आशीर्वाद मिश्रा ने साफ कहा कि “नहीं, ऐसा कुछ नहीं है.भारतीय जनता पार्टी एकजुट है. सभी विधायक एकजुट हैं.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर ब्राह्मण समाज के लोग एकजुट हुए हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

इसके बात यूपी Tak की टीम ने वहां मौजूद अरुण से बात चीत की जिनका इस मुद्दे को थोड़ा अलग नजरिए से देखा. रिपोर्टर के सवाल पर कि क्या इस सहभोज को चुनावी रंग दिया जाना सही है तो उन्होंने कहा कि “देखिए, चुनावी रंग हो सकता है. अगर सहभोज या कोई कार्यक्रम होता है तो आमतौर पर सबको बुलाया जाता है. लेकिन यहां सिर्फ अपने समाज के लोगों को बुलाया गया और वो भी विधायक हैं, सियासी लोग हैं. तो कहीं न कहीं राजनीतिक चर्चाएं जरूर हुई होंगी.”

उन्होंने यह भी आशंका जताई कि “हो सकता है कि सरकार में ब्राह्मणों को वह सम्मान नहीं मिल रहा हो, या उन्हें इग्नोर किया जा रहा हो इसलिए ऐसा आयोजन हुआ हो.”

बाकी लोगों ने कही ये बात 

इसके बाद रिपोर्टर ने अरविंद मिश्रा से बात की. उनसे पूछा गया कि कुशीनगर के विधायक पीएन पाठक के यहां हुए सहभोज और उसमें बड़ी संख्या में ब्राह्मण विधायकों की मौजूदगी को वह कैसे देखते हैं.  अरविंद मिश्रा ने कहा कि “मुझे लगता है कि इसमें कोई राजनीतिक बात नहीं है. सभी लोग विधायक हैं, मित्रगण हैं, एक साथ बैठते हैं. हो सकता है यह सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात हो. यह भी संभव है कि संयोग से सभी ब्राह्मण हों और इसी वजह से इस पर ज्यादा ध्यान गया हो.” उन्होंने यह भी कहा कि “विधानसभा सत्र चल  रहा है, सभी लोग लखनऊ में हैं. भारतीय जनता पार्टी कभी जातिवाद को लेकर काम नहीं करती.”

रिपोर्टर ने जब यह सवाल उठाया कि 2027 के चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं और समाजवादी पार्टी इस तस्वीर को चुनावी नजरिए से देख रही है, साथ ही शिवपाल यादव ब्राह्मण विधायकों को अपने खेमे में आने का न्योता दे रहे हैं, तो अरविंद मिश्रा ने कहा कि “ऐसा बिल्कुल नहीं है कि भाजपा में ब्राह्मणों को सम्मान नहीं मिलता. भाजपा सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है. अगर देखा जाए तो ब्राह्मणों का सबसे ज्यादा सम्मान भाजपा में ही है.”

उन्होंने सपा के पीडीए नारे पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि “अखिलेश यादव खुलकर पीडीए की बात करते हैं, जिसमें पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक, खासकर मुस्लिम समाज को जोड़ते हैं. भाजपा का विचार ऐसा नहीं है.”

यहां देखें पूरी वीडियो रिपोर्ट

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