Mahakumbh News: महाकुंभ में मौनी अमावस्या के पावन स्नान के दौरान संगम नोज पर उमड़ी भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में कई लोग घायल हो गए, और कई परिवार बिछड़ गए. प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाती प्रत्यक्षदर्शी नीलम श्रीवास्तव ने अपने परिवार के बिछड़ने और उस डरावनी स्थिति का आंखों देखा हाल साझा किया.
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प्रीतम नगर की रहने वाली नीलम श्रीवास्तव ने बताया, "हम लोग संगम पर स्नान करने गए थे. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि संभलना मुश्किल हो गया. मेरी ननद गिर गई, और उसके बाद भगदड़ में सब लोग अलग-अलग हो गए. मुझे अब तक नहीं पता कि वो उठ पाई या नहीं." नीलम ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा, "आने-जाने का एक ही रास्ता था. इतनी भीड़ को संभालने के लिए अलग-अलग रास्ते होने चाहिए थे."
नीलम के अनुसार, भगदड़ के दौरान उनका परिवार बिखर गया था, लेकिन बाद में उनके बेटे की मदद से वे सब एक-दूसरे से मिल सके. उन्होंने प्रशासन की तैयारियों को नाकाफी बताते हुए कहा, "इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के बावजूद सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं थी."
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से की बात
इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात कर राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए. प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि मोदी ने अब तक तीन बार मुख्यमंत्री से बात कर कुंभ मेले की स्थिति का जायजा लिया और सभी जरूरी सहायता उपाय करने को कहा.
मेला क्षेत्र में इस भगदड़ के कारण अखाड़ा परिषद ने मौनी अमावस्या के अमृत स्नान कार्यक्रम को रद्द करने की घोषणा की है. हालांकि, मुख्यमंत्री ने प्रमुख संतों से बातचीत कर इस निर्णय को बदलने का अनुरोध किया है.
लाखों श्रद्धालुओं की भीड़, प्रशासन पर सवाल
मौनी अमावस्या के मौके पर संगम और अन्य घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन नाकाम साबित हुआ. भगदड़ के कारण कई लोगों के घायल होने और 10 से अधिक लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है. हालांकि, अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
अभी भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम पर डुबकी लगा रहे हैं. इस बीच, प्रशासन ने कुंभ क्षेत्र की स्थिति को सामान्य करने के लिए सभी प्रयास तेज कर दिए हैं. लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों और संतों का कहना है कि ऐसी घटनाएं कुंभ मेले की पवित्रता को कलंकित करती हैं.
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