Shakti Dubey UPSC Topper: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की शक्ति दुबे ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सर्वाधिक प्रतिष्ठित सिविल सेवा को टॉप किया है. शक्ति दुबे को देशभर में नंबर एक रैंक मिली है. शक्ति दुबे ने अपना ग्रैजुएशन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से और पोस्ट ग्रैजुएशन बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) से किया है. इस बीच शक्ति दुबे के बारे में तमाम लोग इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं. इसी बीच चहल एकेडमी ने शक्ति दुबे का एक मॉक इंटरव्यू अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया है. आइए आपको बताते हैं कि इस मॉक इंटरव्यू में शक्ति दुबे से क्या सवाल पूछे गए थे और उन्होंने उनका क्या जवाब दिया.
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इस मॉक इंटरव्यू में शक्ति दुबे सबसे पहले अपना एक ब्रीफ इंट्रो देती हैं. वो बेहद सधे अंदाज में अपना परिचय देते हुए बताती हैं कि वह प्रयागराज की रहने वाली हैं और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और स्नातक की पढ़ाई इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की. इसके बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर (2016-2018) किया. इसके बाद से वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही हैं. उनके वैकल्पिक विषय राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध हैं.
पहला सवाल: प्रयागराज पवित्र संगम के लिए जाना जाता है. जैसे अयोध्या भगवान राम के लिए जानी जाती है, काशी भगवान शंकर के लिए वैसे इलाहाबाद यानी प्रयागराज किस चीज के लिए मशहूर है?
शक्ति दुबे जवाब देती हैं कि प्रयागराज की प्रसिद्धि गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम (त्रिवेणी संगम) पर इसके स्थान के कारण है. यहां हर साल माघ मेला और समय-समय पर कुंभ मेला आयोजित होता है. उन्होंने प्रयागराज से जुड़ी दो खास बातें बताईं. पहला, “प्रयाग” शब्द का अर्थ “बलिदान” है, क्योंकि ब्रह्मा ने सृष्टि शुरू करने से पहले यहां पहला यज्ञ किया था. दूसरा, ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान अमृत की कुछ बूंदें त्रिवेणी संगम में गिरीं, जिससे इसका धार्मिक महत्व बढ़ा.
दूसरा सवाल: समान नागरिक संहिता (UCC) पर आपकी राय खासकर लिव-इन रिलेशनशिप के संदर्भ में?
इसके जवाब में शक्ति ने उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण का समर्थन किया, वैश्वीकरण और बदलते सामाजिक दृष्टिकोण का हवाला देते हुएय उन्होंने कहा कि यह कदम लिव-इन पार्टनर्स, विशेषकर महिलाओं, को बढ़ते अपराधों से बचाता है और उनके अधिकार सुनिश्चित करता है, इसे “स्वागत योग्य कदम” करार दिया.
तीसरा सवाल: क्या भारत पश्चिमी देशों की तुलना में R&D, विशेषकर दवा और टीका विकास में पर्याप्त काम कर रहा है?
इस सवाल के जवाब में शक्ति दुबे कहती हैं कि सरकारी सुधारों के कारण भारत में R&D के माहौल में सुधार आई है. पर वह यह भी मानती हैं कि पश्चिमी देशों की तुलना में हम पीछे हैं. उन्होंने इसके लिए सीमित बजटीय समर्थन, DST, CSIR, और ICMR जैसे संस्थानों पर निर्भरता, उन्नत उपकरणों की कमी, और उद्योग-अकादमिक संबंधों की कमजोरी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए बेहतर फंडिंग और बुनियादी ढांचे की जरूरत पर जोर दिया.
चौथा सवाल: सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा कि इलेक्टोरोल रोल को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती?
इसके जवाब में शक्ति ने बताया कि इलेक्टोरो रोल का मामला भारत के निर्वाचन आयोग के दायरे में आता है, जो एक संवैधानिक निकाय है और इसके पास इसे प्रबंधित करने की पर्याप्त शक्ति है. इसे सीधे सुप्रीम कोर्ट में ले जाना चुनाव प्रक्रिया को बाधित कर सकता है, यही कारण है कि कोर्ट ने ऐसा कहा.
डिटेल मॉक इंटरव्यू नीचे दिए गए वीडियो में देखें
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