Bijnor Crime News: बिजनौर जिले के किरतपुर क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जिसने मेरठ की मुस्कान हत्याकांड की यादें ताजा कर दीं. यहां 28 अप्रैल की शाम को रामपुर आशा गांव में खेतों से फायरिंग की आवाजें सुनाई दीं, जिसके बाद किसानों ने पुलिस को सूचना दी. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को एक युवक की लहूलुहान लाश मिली, जिसका चेहरा पत्थरों से कुचला गया था. शुरुआती जांच में यह मामला हत्या का प्रतीत हुआ, लेकिन जब सच सामने आया तो रिश्तों और विश्वास को शर्मसार कर देने वाला प्रेम-प्रसंग उजागर हुआ.
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28 अप्रैल को रामपुर आशा गांव में जब किसान खेतों में काम कर रहे थे, तभी उन्हें लगातार फायरिंग की आवाजें सुनाई दीं. किसानों ने तत्काल किरतपुर पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची तो खेतों में झाड़ियों के बीच एक युवक की लाश पड़ी थी, जिसका चेहरा बुरी तरह से पत्थरों से कुचला गया था. उसकी गर्दन और चेहरे पर पीला कपड़ा बांधा गया था ताकि उसकी पहचान न हो सके. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू की.
जांच में सामने आए सुराग, सीसीटीवी फुटेज बना अहम गवाह
किसानों ने पुलिस को बताया कि घटनास्थल पर तीन युवक बाइक से आए थे, लेकिन गोली चलने के बाद दो ही लौटे. पुलिस ने क्षेत्र की सड़कों पर लगे CCTV कैमरों की जांच की, जिसमें तीन युवक बाइक पर जाते दिखाई दिए. जांच में तीनों की पहचान मोहम्मद फारूक, मेहरबान और उमर के रूप में हुई.
जब पुलिस मृतक की पहचान के लिए मोहम्मद फारूक के घर पहुंची तो परिजनों ने बताया कि वह मोहल्ले के ही मेहरबान और उमर के साथ निकला था. पुलिस ने जब उसकी हत्या की पुष्टि की तो परिवार में कोहराम मच गया. फारूक के बड़े भाई नईम ने किरतपुर थाने में मेहरबान और उमर के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई.
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मुठभेड़ के बाद हुई आरोपियों की गिरफ्तारी
पुलिस ने दोनों आरोपियों की मोबाइल लोकेशन को सर्विलांस पर लिया, जिससे पता चला कि वे नजीबाबाद से बिजनौर जाने वाले मार्ग पर मौजूद हैं. घेराबंदी के दौरान पुलिस पर फायरिंग की गई, जिसमें सिपाही राहुल सैनी घायल हो गए. जवाबी कार्रवाई में एक गोली मेहरबान के पैर में लगी और उसे पकड़ लिया गया. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और उपचार हेतु अस्पताल भेजा गया.
हत्या की वजह- प्रेम संबंध और पारिवारिक विवाद!
एसपी सिटी संजीव वाजपेई के अनुसार, पूछताछ में मेहरबान ने खुलासा किया कि वह पिछले पांच वर्षों से मृतक मोहम्मद फारूक की पत्नी अमरीन के साथ प्रेम संबंध में था. जब फारूक सऊदी अरब में था, तभी यह रिश्ता शुरू हुआ था. फारूक के वापस आने के बाद उसे इन संबंधों की जानकारी मिल गई, जिस वजह से वह अमरीन से मारपीट करने लगा. इसी वजह से अमरीन, मेहरबान और उमर ने मिलकर फारूक की हत्या की योजना बनाई.
पुलिस ने बताया कि 28 अप्रैल की शाम को मेहरबान और उमर, फारूक को बियर पिलाने के बहाने रामपुर आशा गांव ले गए. खेत में ले जाकर उन्होंने फारूक को गोली मार दी और पहचान छिपाने के लिए उसका चेहरा पत्थरों से कुचल दिया. वारदात में इस्तेमाल की गई बाइक, तमंचे, खोखे, कारतूस, मोबाइल और एक सोने की अंगूठी बरामद की गई है. यह अंगूठी अमरीन ने मेहरबान को दी थी.
मेहरबान है फारूक का चचेरा भांजा
चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य आरोपी मृतक का चचेरा भांजा था. इस रिश्ते को ताक पर रखकर उसने एक साजिश रचकर अपने ही फूफा की हत्या कर दी. पुलिस ने अब फारूक की पत्नी अमरीन को भी हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है.
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