इलाहबाद HC का अभिभावकों के पक्ष में फैसला, साल 2020-21 में कुल फीस पर 15% माफ किया जाएगा

समर्थ श्रीवास्तव

16 Jan 2023 (अपडेटेड: 14 Feb 2023, 08:57 AM)

कोरोना काल में ली जा रही स्कूल फीस के विनियामन को लेकर तमाम अभिभावकों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा…

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कोरोना काल में ली जा रही स्कूल फीस के विनियामन को लेकर तमाम अभिभावकों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. सोमवार को हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि साल 2020-21 में राज्य के सभी स्कूलों में ली गई कुल फीस पर 15% माफ किया जाएगा.

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अदालत में याचीकर्ता अभिभावकों की ओर से पक्ष रखते हुए जोर दिया गया था कि निजी स्कूलों में साल 2020-21 में ऑनलाइन ट्यूशन को छोड़कर कोई भी सेवा नहीं दी गई. इस प्रकार निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस से एक भी रुपया ज्यादा लेना मुनाफाखोरी और शिक्षा के व्यवसायीकरण के अलावा कुछ भी नहीं है.

याचिकाकर्ताओं ने अपने तर्कों के समर्थन में सर्वोच्च न्यायालय के इंडियन स्कूल, जोधपुर बनाम स्टेट ऑफ राजस्थान के हाल ही में दिए हुए फैसले का भी हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि निजी स्कूलों द्वारा बिना कोई सेवा दिए फीस की मांग करना, मुनाफाखोरी और शिक्षा का व्यवसायीकरण ही है.

हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार सभी स्कूलों को साल 2020-21 में ली गई कुल फीस का 15% जोड़कर आगे के सेशन में एडजस्ट करना होगा. साथ ही साथ जो बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं, स्कूलों को उन्हें साल 2020-21 में वसूले गए शुल्क का 15% मूल्य जोड़कर वापस लौटना होगा.

इस पूरी प्रक्रिया को करने के लिए हाई कोर्ट ने सभी सकूलों को 2 महीने का समय दिया है. सभी याचिकाओं की सुनवाई 6 जनवरी को हुई थी और फैसला आज 16 जनवरी को आया है. यह निर्णय मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और जे जे मुनीर ने दिया है.

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