लखनऊ: बाल गृह में 5 दिन में हुई 4 मासूम बच्चियों की मौत, मचा हड़कंप, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश, जानें

भाषा

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Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बालगृह में 5 दिनों में चार बच्चियों की मौत को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए उसके अधीक्षक को निलंबित कर दिया है. इसी के साथ मजिस्ट्रेट जांच के भी आदेश दिए गए हैं. जिला प्रशासन ने इन बच्चियों की ठंड से मौत की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि मौत के कारणों के बारे में सही जानकारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चल पाएंगी.

इस बारे में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने बताया कि ये चार बच्चियां कम वजन, जकड़न, दस्त, बुखार थैलीसीमिया से पीड़ित थीं, और  इनका कई डॉक्टरों द्वारा भी उपचार कराया जा रहा था. मंत्री ने भी इन बच्चियों की मौत ठंड से होने की बात को पूर्णत: गलत और भ्रामक बताया है.

बाल गृह में रह रहे हैं 75 बच्चे

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आपको बता दें कि राजकीय बालगृह में नवजात से लेकर दस साल के बच्चे रखे जाते हैं. यह महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित है. यहां निराश्रित, लावारिस एवं परित्यक्त नवजात शिशुओं को बाल कल्याण समीति के आदेश से रखा जाता है. इस बाल गृह में फिलहाल  28 नवजात सहित कुल 75 बच्चे रह रहे हैं. उनका पालन पोषण उत्तर प्रदेश का महिला कल्याण विभाग करता है.

महिला कल्याण विभाग के जिला परिवीक्षा अधिकारी (डीपीओ) विकास सिंह ने भाषा को बताया कि बाल गृह में चार बच्चियों की मौत 10 और 14 फरवरी के बीच इलाज के दौरान हुई हैं. इन बच्चियों की उम्र डेढ़ महीने से साढ़े पांच महीने के बीच थी. उन्होंने कहा कि इन बच्चियों के शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया है, जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं मिली है. रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का पता चल सकेगा. घटना के मजिस्ट्रेट जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं.

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उन्होंने आगे बताया कि बाल गृह में पांच दिनों में चार गंभीर रूप से बीमार शिशुओं को उपचार के दौरान किंग जार्ज मेडिकल कालेज विश्वविदयालय और सिविल अस्पताल लखनऊ में चिकित्सकों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया था.

जिला प्रशासन ने इस बात को किया खारिज

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बता दें कि जिला प्रशासन ने इन बच्चियों की ठंड से मौत होने की बात को खारिज करते हुए कहा कि इन बच्चियों की स्वास्थ्य स्थिति संस्था में प्रवेश समय से ही गंभीर थी और इनका निरंतर उपचार कराया जा रहा था, लेकिन इन्हें बचाया नही जा सका. इन बच्चियों का वजन 1200 ग्राम से 1600 ग्राम के बीच था.

मंत्री मौर्य ने कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा बाल गृह का निरीक्षण बुधवार को किया जाएगा.  संस्था में शिशुओं की संख्या अधिक होने के कारण इनके आवास के लिए एक अतिरिक्त कक्ष की व्यवस्था कराई गई है, जिससे असुविधा और संक्रमण से बच्चों का बचाव सुनिश्चित किया जा सके. इस मामले में जांच चल रही है. अगर जांच में कोई दोषी पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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