जौनपुर के रहने वाले IAS अभिषेक सिंह क्या लोकसभा चुनाव लड़ेंगे? खुद जानिए उनका जवाब

राजकुमार सिंह

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IAS Abhishek Singh
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उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले IAS अभिषेक सिंह एक बार फिर चर्चाओं में हैं. जौनपुर में करीब 4 माह पहले अभिषेक सिंह गणपति महोत्सव का आयोजन करके चर्चा में आए थे.  इस बार अभिषेक सिंह अयोध्या दर्शन के लिए जौनपुर से प्रतिदिन जौनपुर निषाद रथ के नाम से 5 बसें चलाने के बाद चर्चा में हैं.  पिछले दिनों अभिषेक सिंह ने ऐलान किया था कि वह जौनपुर के लोगों को अयोध्या ले जाएंगे और वहां राम मंदिर में रामलला के दर्शन करवाएंगे. इसके लिए वह निषाद रथ भी चलाएंगे. हर दिन जौनपुर से अयोध्या के लिए बस चलेंगी और जौनपुर के लोग अयोध्या जाकर भगवान श्रीराम के दर्शन कर सकेंगे.

जौनपुर जिले के केराकत तहसील क्षैत्र के टुसौरी गांव निवासी अभिषेक सिंह को इन दिनों 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में देखा जा रहा है.  यूपीतक से खास बातचीत में अभिषेक सिंह ने चुनाव लड़ने की बात को सीधे तौर पर तो नहीं स्वीकार किया, लेकिन बातों-बातों में उन्होंने चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए.

बाहुबली नेता धनंजय सिंह और अभिषेक सिंह के बीच लोकसभा चुनाव होने की चर्चा के सवाल पर उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है, मैं अभी IAS हूं. इसकी तैनाती के दौरान मेरे नेताओं से संपर्क हैं. व्यक्तिगत संबंध के नाते मैं राजनेताओं के यहां आता जाता हूं. IAS रहते हुए मैंने काफी समाज सेवा के कार्य किए हैं और अभी भी कर रहा हूं. जौनपुर को समृद्ध और विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए मैं प्रयास कर रहा हूं."

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बता दें कि अभिषेक सिंह ने IAS पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है. अभिषेक सिंह साल 2011 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अफसर हैं. अभिषेक सिंह फरवरी 2023 से निलंबित चल रहे थे. उन्हें योगी सरकार ने बिना बताए लंबे समय से गायब रहने के मामले में निलंबित किया था.

इस कारण किए गए थे निलंबित

गुजरात चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करने के कारण अभिषेक सिंह चर्चाओं में आए थे. गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान ऑब्जर्वर की ड्यूटी लगी थी. इस दौरान उन्होंने सरकारी कार के आगे एक फोटो खिंचवाकर डाली थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी. विधानसभा चुनाव में उनके आचरण को चुनाव आयोग ने ठीक नहीं माना था और नवंबर 2022 में ऑब्जर्वर ड्यूटी से हटा दिया था. हालांकि, उसके बाद अभिषेक सिंह ने नियुक्ति विभाग में रिपोर्ट नहीं किया था. इसके बाद यूपी सरकार ने उन्हें निलंबित करके राजस्व परिषद से अटैच कर दिया था. अभिषेक सिंह 2015 में 3 साल के लिए दिल्ली भेजे गए थे.

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इसके बाद दिल्ली में उनकी कार्य अवधि 2 साल और बढ़ा दी गई थी. इसी दौरान वह मेडिकल लीव पर चले गए थे. इसके बाद उन्हें दिल्ली सरकार ने 19 मार्च 2020 को उनके मूल कैडर यूपी भेज दिया था. इसके बाद भी लंबे समय तक उन्होंने यूपी में जॉइनिंग नहीं की. बताया जा रहा है कि 10 अक्टूबर 2022 को नियुक्ति विभाग ने उनका पक्ष मांगा, जिसका भी कोई उत्तर नहीं मिला. इसके बाद भी 30 जून 2022 को उन्होंने यूपी में जॉइनिंग की थी.

क्यों की गई थी कार्रवाई

बता दें कि प्रेक्षक पद से अवमुक्त होने के बाद भी अभी तक उन्होंने नियुक्ति विभाग में अपनी योगदान की आख्या नहीं दी थी. सरकार ने इस कृत्य को अखिल भारतीय सेवाएं आचरण नियमावली 1968 के नियम 3 का उल्लंघन मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था.
 

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