यूपी में भयंकर अशांति की घटनाओं के पीछे भाजपा और आरएसएस की नफरत की राजनीति: अखिलेश यादव

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समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा कि यह बात ढकी-छुपी नहीं है कि भाजपा की राजनीति अपने मातृ संगठन आरएसएस के निर्देश पर नफरत और समाज को बांटने की रहती है और हाल में प्रदेश में जो भयंकर अशांति की घटनाएं हुई उसके पीछे वही राजनीति है.

रविवार को सपा मुख्यालय से जारी एक बयान में पार्टी प्रमुख यादव ने आरोप लगाया कि ”यह बात ढकी-छुपी नहीं है कि भाजपा की राजनीति अपने मातृ संगठन आरएसएस के निर्देश पर नफरत और समाज को बांटने की रहती है.”

उन्‍होंने दावा किया कि “हाल में प्रदेश में जो भयंकर अशांति की घटनाएं हुईं उसके पीछे वही राजनीति है और भाजपाइयों के बिगड़े बोल से एक बड़ा समुदाय आहत हुआ.” यादव ने कहा कि “भाजपा सरकार ने इस दुर्भाग्यपूर्ण विवाद की समाप्ति और सम्बन्धित पक्ष के विरुद्ध कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिससे संकट की स्थिति भयंकर रूप ले रही है.”

सपा प्रमुख ने कहा, “भाजपा का रवैया अभी भी न्याय संगत नहीं दिखाई देता है. ये कहां का इंसाफ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनिया भर में सख्त प्रतिक्रिया हुई, वह सुरक्षा के घेरे में है और बिना वैधानिक जांच पडताल के रावण रूपी ‘राक्षसी बुलडोजर‘ से रामराज्य कुचला जा रहा है.”

उन्‍होंने कहा कि भाजपा सरकार को बिना वैधानिक प्रावधान के किसी के मकान-दुकान को बुलडोजर से गिराना, अज्ञात के नाम पर निर्दोषों की धर पकड़, समुदाय विशेष को दोषी ठहराने की कोशिशें आदि की अनुमति न तो हमारी संस्कृति न धर्म-विधान और न ही संविधान देता है.

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यादव ने कहा है कि भाजपा राज में दुनिया भर में उत्तर प्रदेश की बदनामी हुई है और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकार की अवमानना की गई है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है जिसमें वह पूरी तरह विफल साबित हुई है. उन्होंने कहा, “हर क्षेत्र में अपनी नाकामी छुपाने के लिए मुख्यमंत्री जी झूठे किस्से-कहानियां गढ़कर लोगों को गुमराह करने में लगे रहते है.”

पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने राज्यपाल से मांग की कि उनको स्थिति का स्वयं संज्ञान लेकर तत्काल कठोर कार्यवाही किए जाने का निर्देश देना चाहिए जिससे प्रदेश में अमन चैन और परस्पर विश्वास बनाये रखने के लिए सरकार की मनमानी व सत्ता के दुरुपयोग पर अंकुश लग सके.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने आठ जिलों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और पार्टी की दिल्ली इकाई से निष्कासित मीडिया प्रभारी नवीन जिंदल की टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 13 प्राथमिकियां दर्ज करते हुए 316 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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रविवार शाम को जारी एक बयान में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया, ‘राज्य के आठ जिलों से 316 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इस संबंध में नौ जिलों में 13 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं.’

इस बीच पुलिस-प्रशासन ने हिंसा से जुड़े या उनके करीबियों के सहारनपुर, प्रयागराज और कानपुर जिलों में कई अवैध भवनों को बुल्डोजर चलाकर गिरा दिया है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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