लखीमपुर खीरी जाने से पहले सतीश मिश्रा ने UP सरकार को घेरा, सिद्धार्थ नाथ सिंह को दी नसीहत

आशीष श्रीवास्तव

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लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से नेताओं के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है. बुधवार रात कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की. वहीं, आज गुरवार 7 अक्टूबर को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा मृतकों के परिजनों से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी के लिए निकल गए हैं. लखीमपुर खीरी निकलने से पहले सतीश चंद्र मिश्रा ने मीडिया से बात की. खबर में आगे पढ़िए कि सतीश चंद्र मिश्रा ने क्या-क्या कहा.

सतीश चंद्र मिश्रा ने यूपी सरकार को आड़े हाथों लिया

सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हिंसा की एक से ज्यादा वीडियो आ गईं हैं, जिसमें साफ-साफ दिख रहा है कि रास्ते पर चल रहे लोगों को पीछे से आ रही कार ने बिना हॉर्न बजाय या वॉर्निंग दिए कुचल दिया. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में भी उत्तर प्रदेश की सरकार कह रही है कि हमारी पुलिस ये तय नहीं कर पा रही है कि कोई दोषी है या नहीं. बकौल मिश्रा, इससे साफ जाहिर होता है कि इसमें सरकार के बड़े लोगों का इन्वॉल्वमेंट है इसलिए यह ढीला-ढाली हो रही है.

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सतीश चंद्र मिश्रा ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को लेकर कहा कि वह इस मामले में आरोपी हैं और जब तक उन्हें हटाया नहीं जाता तब तक मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है आज सुप्रीम कोर्ट इन सब चीजों पर संज्ञान लेगा.

यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के ‘सियासी दल लखीमपुर खीरी जाने को बैचैन हैं’ वाले बयान पर सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है,

“सिद्धार्थ नाथ सिंह जी का आप नाम ले रहे हैं वो खुद एक विचलित और परेशान प्राणी हैं. जब आप उनसे वक्तव्य लेने जाएंगे, आप उनसे जिस चीज के बारे में पूछेंगे वो उसके बारे में न बताकर इधर-उधर की बात करेंगे.

सतीश चंद्र मिश्रा

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उन्होंने आगे कहा, “ठीक है सरकार ने उन्हें इधर-उधर किनारे कर दिया है, तो इसका मतलब यह नहीं कि वो संवेदनशील मामलों में दुखी होकर के ऐसे वक्तव्य दिया करें. इसमें थोड़ा उन्हें गंभीर होना चाहिए.” बकौल सतीश चंद्र मिश्रा, जिस तरह सिद्धार्थ नाथ सिंह संवेदनशील मामलों में मजाकिया तरह से बोलते हैं, उन्हें नहीं मालूम कि उससे उन्हें और उनकी पार्टी को नुकसान होता है.

क्या है लखीमपुर हिंसा मामला?

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यूपी पुलिस के मुताबिक, लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी. संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के काफिले ने किसानों को रौंद दिया था.

हालांकि, मंत्री और उनके बेटे ने इन आरोपों का खंडन किया है. आशीष मिश्रा ने दावा किया है कि घटना के वक्त वह काफिले की गाड़ियों में मौजूद नहीं थे. इस मामले में आशीष के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ है. अजय मिश्रा टेनी ने यह भी कहा, ‘अगर मेरे बेटे के लखीमपुर में हुई घटना के स्थान पर होने का एक भी सबूत मिलता है तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा.’

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