‘सैनिकों की सुरक्षा से कोई समझौता माफी योग्य नहीं…’ अखिलेश यादव ने सरकार को घेरते हुए ऐसा क्यों कहा?
UP News: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. जानिए ये पूरा मामला.
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UP News: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सुरक्षा बलों के विशेष अभियानों (स्पेशल ऑपरेशन्स) की लाइव मीडिया कवरेज को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने इसको लेकर सोशल मीडिया X पर ट्वीट किया. उन्होंने इस कवरेज को 'रणनीतिक लापरवाही' या 'राजनीतिक प्रचार' से प्रेरित बताते हुए सरकार से तत्काल स्पष्टीकरण की मांग की है.
सपा चीफ अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्पेशल ऑपरेशन्स की लाइव कवरेज की अनुमति क्या एक रणनीतिक लापरवाही थी या फिर ये राजनीतिक प्रचार से प्रेरित थी, ये बात सरकार तत्काल स्पष्ट करे. उन्होंने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी लाइव कवरेज से दुश्मन को सुरक्षा बलों की लोकेशन और रणनीति की जानकारी मिल सकती है, जिससे जवानों की जान और देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.
ये बोले अखिलेश
सपा चीफ अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया X पर लिखा, सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्पेशल ऑपरेशन्स की लाइव कवरेज की अनुमति क्या एक रणनीतिक लापरवाही थी या फिर ये राजनीतिक प्रचार से प्रेरित थी, ये बात सरकार तत्काल स्पष्ट करे. कल को फिर से सरकार ये कहेगी कि ‘एक चूक के बाद ये दूसरी चूक’ हो गयी.
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उन्होंने आगे लिखा, इसका मतलब साफ़ है कि सुरक्षा जैसे अति संवेदनशील क्षेत्र में मीडिया का अवांछित अतिक्रमण है. लाइव कवरेज तो दुश्मन भी देखेंगे जिससे हमारे सुरक्षा बलों की लोकेशन उनको पता चल जाएगी और रणनीति भी, इससे देश की सुरक्षा और हमारे जवानों की जान भी ख़तरे में डाल दी जाएगी. इस तरह की लाइव कवरेज के लिए सख़्त दंडात्मक कार्रवाई हो। देश और सैनिकों की सुरक्षा से कोई भी समझौता माफ़ी के योग्य नहीं है.
पहलगाम हमले के बाद अलर्ट पर सेना
बता दें कि पहलगाम हमले के बाद सेना अलर्ट पर है. इसी बीच सूचना प्रसारण मंत्रालय की तरफ से मीडिया को निर्देश जारी किए गए थे. निर्देशों में कहा गया था कि रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का सीधा प्रसारण न किया जाए. राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का सीधा प्रसारण मीडिया नहीं करें.