महाशिवरात्रि पर नागा साधु कैसे करते हैं पूजा उपासना? पहली बार जान लीजिए ये राज

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महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर नागा साधुओं की पूजा-अर्चना और साधना पद्धति हमेशा से श्रद्धालुओं और आम लोगों के लिए एक रहस्य रही है.

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Mahakumbh Naga Sadhu
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प्रयागराज: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर नागा साधुओं की पूजा-अर्चना और साधना पद्धति हमेशा से श्रद्धालुओं और आम लोगों के लिए एक रहस्य रही है. कुंभ मेले के दौरान नागा साधुओं के दर्शन होते हैं, लेकिन उनके आध्यात्मिक जीवन, कठोर तपस्या और अनूठी पूजा विधियों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. एस्ट्रो Tak से बातचीत में जूना अखाड़ा के उमेशानंद जी महाराज ने नागा साधुओं की पूजा-पद्धति और उनके जीवन से जुड़े कई रहस्यों से पर्दा उठाया.

कौन होते हैं नागा साधु?

नागा साधु भगवान शिव के अनन्य भक्त होते हैं, जो सांसारिक मोह-माया त्यागकर कठोर तपस्या में लीन रहते हैं. ये मुख्य रूप से कुंभ मेले में ही नजर आते हैं, बाकी समय ये अपने गुप्त स्थानों पर साधना करते हैं. ये अत्यंत कठिन योग साधनाएं करते हैं, जैसे कि हठ योग, लंबे समय तक एक ही मुद्रा में रहना, वर्षों तक एक हाथ उठाए रखना, और कड़ी तपस्या करना.

कैसे होती है नागा साधुओं की पूजा?

- नागा साधु वस्त्र धारण नहीं करते, बल्कि अपने शरीर पर भस्म (राख) रमाते हैं. यह भस्म उनकी पहचान होती है और उनके लिए वस्त्र का कार्य करती है.

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- वे रुद्राक्ष धारण करते हैं, जो उनके आध्यात्मिक आभूषण होते हैं.


- इनका पूजा स्थल 'धूना' कहलाता है, जहाँ वे धूनी रमाते हैं यानी अग्नि जलाकर तपस्या करते हैं.


- नागा साधु केवल भगवान शिव की उपासना करते हैं और कठिन साधना के माध्यम से अध्यात्मिक शक्तियाँ प्राप्त करते हैं.

कुंभ में नागा साधुओं का अद्भुत दृश्य

कुंभ के दौरान जब नागा साधु शाही स्नान के लिए संगम की ओर बढ़ते हैं, तो यह एक अद्भुत और दिव्य दृश्य होता है. उमेशानंद जी महाराज के अनुसार, यह सनातन धर्म की एक विशाल सेना के समान प्रतीत होता है, जहां नागा साधु अपने शस्त्रों, योग साधना और भक्ति भाव के साथ आगे बढ़ते हैं. उनके चरणों की रज माथे पर लगाने से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा और संकटों से मुक्ति मिलती है.

 

नागा साधुओं की शक्ति और सिद्धियां

नागा साधु गुप्त स्थानों पर रहकर कठोर तपस्या करते हैं और कई तरह की अध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करते हैं. लोग उनके पास अपने कष्टों का निवारण कराने आते हैं, और उनके आशीर्वाद मात्र से अनेक समस्याएं दूर हो जाती हैं. 

महाशिवरात्रि पर नागा साधुओं की पूजा और साधना सनातन धर्म की अनूठी परंपरा है. ये केवल कुंभ में नजर आते हैं, लेकिन इनका प्रभाव और आशीर्वाद भक्तों को जीवनभर मिलता रहता है. महाकुंभ में नागा साधुओं की साधना और शाही स्नान एक ऐसा दिव्य अनुभव है, जिसे सिर्फ देखने और महसूस करने से ही समझा जा सकता है.

 

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