प्रयागराज: बढ़ रहा गंगा-यमुना का जलस्तर, हटने लगे घाटिये, डूबने लगे सामान, SDRF हुई तैनात

पंकज श्रीवास्तव

संगम नगरी प्रयागराज में भी गंगा-यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. गंगा-यमुना का पानी संगम जाने वाले रास्तों पर भी आ गया…

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संगम नगरी प्रयागराज में भी गंगा-यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. गंगा-यमुना का पानी संगम जाने वाले रास्तों पर भी आ गया है. पानी भरने के कारण स्नानार्थी घुटनों-घुटनों तक पानी में डूबकर निकल रहे है. प्रयागराज में लगातार पानी बढ़ने से घाटों पर सामान बेचने वाले ऊपर की तरफ आने लगे हैं. ऊंचे स्थान टापू बन गए हैं. संगम का ज्यादातर मैदानी क्षेत्र गंगा के पानी में समा गया है. आपको बता दें कि पिछले दिनों प्रयागराज में आकाशीय बिजली का कहर भी देखने को मिल चुका है.

आने वाले समय में गंगा-यमुना का जलस्तर अभी और बढ़ सकता है. इस बाढ़ से निचले स्थानों पर रहने वाले लोगों को थोड़ी मुश्किल जरूर हो सकती है. वही घाटिये भी अपना सामान लेकर सुरक्षित स्थानों की तरफ आने लगे हैं. दोनों नदियों में पानी बढ़ने से एसडीआरएफ की एक टुकड़ी तैनात कर दी गई है, जो लोगों की मदद करने के लिए हर वक्त मुस्तैद है.

यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बलुआ घाट बारादरी की सीढियों तक पर पानी आ गया है. बच्चे उसी बाढ़ के पानी में ऊंचाई से कूदकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. यमुना नए पुल के नीचे भी बाढ़ का पानी आने लगा है. इसी तरह अगर दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ेगा तो निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा भी आ सकता है.

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कुछ यही हाल पड़ोस के जिले वाराणसी का भी है. इस बार भले ही वाराणसी में उस स्तर की बारिश अबतक ना हुई हो, लेकिन यहां बाढ़ का खतरा बढ़ता चला जा रहा है. पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के चलते गंगा नदी उफान पर आती दिख रही है. जलस्तर बढ़ जाने के चलते सभी 84 पक्के घाटों का आपसी संपर्क टूट गया है. एक से दूसरे घाट पर जाना अब मुमकिन नहीं है, तो वही सभी 84 घाट जलमग्न भी हो गए हैं.

पहाड़ों पर हो रही बारिश की वजह से वाराणसी के गंगा नदी में बाढ़ के हालात, सभी 84 घाट डूबे

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