परिवार को थी बेटे की तलाश, राशिद बाबा बन पहुंचा घर और खुद को बताया अन्नू, फिर किया ये बड़ा कांड

सुरेश कुमार सिंह

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Mirzapur: मिर्जापुर के चुनार थाना क्षेत्र के सहसपुरा के रहने वाले बुद्धिराम विश्वकर्मा का बेटा अन्नू 14 अप्रैल 2011 में मेला गया था. मगर मेले में वह अपने परिवार से बिछड़ गया और लापता हो गया. परिजनों ने अन्नू को काफी खोजने की कोशिश की. मगर उसका कुछ पता नहीं चला. पिता बुद्धिराम विश्वकर्मा अभी तक अपने बेटे को खोजने की कोशिश कर रहे थे. 

इसी बीच बेटे की तलाश में परेशान बुद्धिराम के मुहल्ले में  जुलाई 2021 में गोंडा का रहने वाला राशिद जोगी(बाबा) के भेष में सारंगी बजता हुआ पहुंचा गया. परिजनों को लगा कि उनका बेटा अन्नू वापस आ गया. राशिद की शक्ल अन्नू से मिलती-जुलती थी. परिवार खुश हो गया और उन्होंने राशिद को अन्नू समझ उसे घर में जगह दे दी. मगर फिर वहां बड़ा कांड हो गया.

जानिए पूरा मामला

मिली जानकारी के मुताबिक, मिर्जापुर के चुनार थाना क्षेत्र के  सहसपुरा के रहने वाले बुद्धिराम विश्वकर्मा का बेटा अन्नू 14 अप्रैल 2011 में शिव संकरीधाम मेला में घूमने गया था. वहां वह मेले में खो गया था. जुलाई 2021 में गोंडा का रहने वाला राशिद, जोगी(बाबा) के भेष में सारंगी बजता हुआ पहुंच गया. 

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परिवार वालों ने उसे अन्नू के रूप पहचाना और उसे घर ले आए. पूरा परिवार खुश था. क्षेत्र में भी ये मामला चर्चाओं में बना हुआ था. शख्स ने भी परिवार से झूठ बोला. उसने कहा कि वह अब जोगी बन चुका है. मठ के गुरु ने उसे जोगी बनाया है. जब तक वह उनको पैसे नहीं देगा, वह गृहस्थ आश्रम में नहीं आ सकता. युवक को बेटा मान परिवार ने पैसों को जमा करना शुरू कर दिया. यहां तक की मुहल्ले के लोगों ने भी पैसे जमा करने में परिवार की सहायता की. 

बाबा बनकर आ गया नफीस 

राशिद ने इस बात की जानकारी अपने साथी नफीस को दे दी. नफीस बाबा के भेष में आ गया. परिवार ने 21 जुलाई 2021 के दिन 1 लाख 46 हजार रुपये जमा करके बाबा बने नफीस को दे दिए. इसके बाद राशिद अन्नू बनकर परिवार के साथ रहने लगा. 

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प्रेत पूजा के नाम पर खेला खेल

मिली जानकारी के मुताबिक, घर आकर राशिद ने परिजनों से कहा कि घर में प्रेत का साया है. इसके निवारण के लिए पूजा की जाएगी. राशिद ने पूरे परिवार के जेवरात जमा करवाए और उसे पोटली में बांध रख दिया. मगर इस बार परिजनों को उसके ऊपर शक हो गया. 

परिजनों ने जब पोटली खोली तो उसमें से जेवरात गायब मिले. परिजनों ने उसे पकड़ लिया और सख्ती के साथ पूछताछ करने लगे. तब पता चला कि अन्नू बने राशिद ने सारे गहने छिपा लिए थे. इस दौरान उसकी सच्चाई भी सामने आ गई. 

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पुलिस केस दर्ज

परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज करके दोनों को जेल भेज दिया था. कुछ समय बाद दोनों को बेल मिल गई. जमानत पर बाहर आकर दोनों गायब हो गए. पीड़ित परिवार के लिए अच्छी बात यह रही कि उनका खोया हुआ बेटा अन्नू इस घटना के करीब 6 महीने बाद उन्हें मिल गया था.

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