संभल में शादीशुदा प्रेमी के साथ रहने की जिद कर रही थी मंजू, पिता और भाई ने मारकर लटकाया फिर ये कहानी गढ़ दी

अभिनव माथुर

उत्तर प्रदेश के संभल जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवती की हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है.

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sambhal murder case
संभल पुलिस की गिरफ्त में हत्यारोपी
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उत्तर प्रदेश के संभल जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवती की हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. दो हफ्ते पहले हुई इस घटना में युवती के पिता और भाई ने उसके प्रेम प्रसंग को लेकर कथित ऑनर किलिंग को अंजाम दिया. इस वारदात को छिपाने के लिए मृतिका के पिता और भाई ने उसके प्रेमी को फंसाने की साजिश रची. हालांकि जब इसकी सच्चाई सामने आई तो पुलिस के भी होश उड़ गए.

यह मामला संभल जिले के रजपुरा थाना क्षेत्र के हरदासपुर गांव का है, जहां 18 साल की मंजू का शव 27 मई  को फंदे पर लटका हुआ पाया गया था. परिजनों ने इसे आत्महत्या बताकर पुलिस को सूचित किया, और प्रारंभिक जांच के बाद शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. लेकिन 31 मई को मंजू के पिता चंद्रकेश और भाई धर्मेंद्र ने उसके प्रेमी प्रमोद, उमेश, पप्पी, हरनारायण समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया, ताकि शक की सुई उन पर जाए. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्ट्रेगुलेशन (गला दबाकर हत्या) की पुष्टि हुई जिसने मामले को नया मोड़ दे दिया.
  

पुलिस ने सर्विलांस टीम की मदद से जांच आगे बढ़ाई तो इस दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत सामने आए.  जांच में पता चला कि मंजू की हत्या उसके पिता चंद्रकेश और भाई धर्मेंद्र ने की, जो ऑनर किलिंग का हिस्सा थी. पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि मंजू का गांव के शादीशुदा युवक प्रमोद के साथ प्रेम प्रसंग था. इसकी भनक प्रमोद की पत्नी पूनम को लगी, जिसने ऑडियो क्लिप अपने उमेश के साथ शेयर कर दी. इसके बाद दोनों परिवारों के बीच काफी विवाद हुआ. इस बीच मंजू के पिता और भाई प्रमोद के घर बातचीत करने के लिए गए तब प्रमोद की पत्नी ने दोनों बाप-बेटे को खूब बेइज्जत किया. इसके बाद  मंजू के पिता और भाई ने उसे समझाने की कोशिश की. लेकिन वह प्रमोद के साथ रहने पर अड़ी रही. ऐसे में  दोनों को डर था कि मंजू कहीं घर छोड़कर भाग ना जाए.  इसलिए चंद्रकेश और धर्मेंद्र ने साले जयप्रकाश और प्रवेश के साथ मिलकर उसकी हत्या की योजना बनाई.   

 

 

प्लानिंग के तहत घटना के बाद प्रमोद और उसके साले उमेश को फंसाने के लिए धर्मेंद्र ने अपने साले जयप्रकाश से फोन पर बात की और फिर उमेश को घटनास्थल पर बुला लिया. उमेश सुबह 9 बजे घटनास्थल पर पहुंचा तो उसके ऊपर और प्रमोद पर मंजू की हत्या का आरोप लगा दिया गया. इतना ही नहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलवाने के लिए हत्यारोपी पिता-पुत्र के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट मधुर आर्य से सेटिंग की गई थी. पैसों के लेनदेन में देरी होने के कारण मंजू के शव का पोस्टमार्टम भी 27 मई के बजाय 28 मई को किया गया था. जब मंजू की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो उसमें भी स्ट्रेगुलेशन यानी गला दबाकर हत्या होने की बात लिखी गई थी. 

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फिलहाल, पुलिस ने मंजू की हत्या में शामिल पिता चंद्रकेश, भाई धर्मेंद्र, धर्मेंद्र का साला जयप्रकाश, प्रवेश और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की सेटिंग करने वाले मधुर आर्य सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. फार्मासिस्ट के पास से रिश्वत के लिए गए 50 हजार रूपये में से 15 हजार और मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया है.

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