वाराणसी ज्ञानवापी पर फैसला सुनाने वाले जज को आया विदेशी कॉल और फिर बरेली में मच गया हड़कंप

कृष्ण गोपाल यादव

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जज रवि दिवाकर
जज रवि दिवाकर
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Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली से बड़ी खबर सामने आ रही है. वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाने वाले जज रवि दिवाकर को धमकी दी गई है. जज रवि दिवाकर को विदेशी नंबर से फोन करके लगातार धमकियां दी जा रही है. अब इस मामले में जज रवि दिवाकर ने बरेली वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पूरे मामले की शिकायत की है.
मिली जानकारी के मुताबिक, पहली बार उन्हें बीते 15 अप्रैल की शाम 8.42 बजे विदेशी नंबर से कॉल करके धमकी दी गई. इसमें उन्हें धमकियां दी गईं. इसके बाद जज ने किसी भी विदेशी कॉल का कोई जवाब नहीं दिया. इस दौरान उनके फोन पर लगातार विदेशी नंबरों से कॉल आते रहे.

परिवार को मिली है सुरक्षा

आपको बता दें कि इससे पहले जज रवि दिवाकर वाराणसी जिला कोर्ट में तैनात थे. इन्होंने ही बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर बड़ा और अहम फैसला दिया था. इस फैसले के बाद ही उनका तबादला करके उन्हें बरेली में भेज दिया गया था. फैसले की संवेदनशीलता को देखते हुए शासन की तरफ से रवि दिवाकर और उनके परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.
आपको बता दें कि वह रवि दिवाकर ही थे, जिन्होंने ज्ञानवारी परिसर के वीडियो सर्वेक्षण का आदेश दिया था. इस केस में उन्होंने कई अहम निर्देश जारी किए थे. इसके बाद से ही उनकी सुरक्षा को लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया था.

बरेली में आते ही खोल दी तौकीर रजा की फाइल

आपको बता दें कि बरेली में आते ही जज रवि दिवाकर ने तौकीर रजा की फाइल खोलना शुरू कर दी. उन्होंने बरेली में हुए साल 2010 दंगों के मामलों का खुद संज्ञान लिया. दरअसल इन दंगों में मौलाना तौकीर रजा को मुख्य आरोपी माना गया था.  बरेली के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था की अदालत ने दंगे के मामले को स्वत संज्ञान लेकर फाइल को खोला था. 

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जज को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा 

बता दें कि ज्ञानवापी पर फैसला सुनाने के बाद शासन की तरफ से जज रवि दिवाकर को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली थी. इसी के साथ उनके परिजनों को भी सख्त सुरक्षा मिली हुई है. मिली जानकारी के मुताबिक, अब कुछ कारणों से जज की सुरक्षा को एक्स-श्रेणी में कर दिया गया है. 

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