बांदा जेल के जिस बैरक में बंद था मुख्तार अंसारी उसे किया गया सील, इस वजह से पुलिस ने उठाया कदम

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बन्द रहे माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसकी तन्हाई बैरक को जेल प्रशासन ने सील कर दिया है. उसका रखा सामान कागजात मजिस्ट्रेट की जांच के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा. बता दें कि अभी भी मुख्तार की बैरक के आसपास सुरक्षा व्यवस्था पहले की तरह दुरुस्त रखी गयी है. जिससे बैरक में रखा सामान इधर उधर न हो सके और जांच निष्पक्ष तरीके से की जा सके. जांच के लिए ADM राजेश कुमार और ACJM गरिमा सिंह को नामित किया गया है. 

मुख्तार की बैरक हुई सील

बांदा जेल बन्द मुख्तार अंसारी की तन्हाई बैरक 16 में रखा सामान को जेल प्रशासन ने सील कर लिया है. जानकारी के मुताबिक बैरक में अंदर जाने वाले गेट पर ताला लगा दिया गया है, साथ ही पहले की तरह आज भी सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखी जा रही है, जिससे उसकी मौत के बाद होने वाली जांच प्रभावित न हो. न्यायिक और मजिस्ट्रेट जांच के लिए ADM वित्त और राजस्व राजेश कुमार और ACJM प्रथम गरिमा सिंह को नामित किया गया है, जो जेल पहुँचकर मुख्तार की बैरक में रखे सामान, बर्तन, दस्तावेज की जांच पड़ताल करेंगे, साथ ही पिछले कई दिनों का मुख्तार की बैरक में लगे CCTV को खंगालने के बाद जांच रिपोर्ट तैयार करेंगे, इसके साथ साथ जेल प्रशासन के बयान भी दर्ज करेंगे. 

बीते शनिवार यानी कल बांदा के ज्यूडिशियल के जज के साथ डीएम और एसपी निरीक्षण करने पहुँचे थे, उन्होंने जेल कैम्पस के साथ साथ मुख्तार की बैरक के अलावा CCTV भी चेक किये, कुछ देर बाद वापस लौट आए. 

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बांदा जेल बंद था मुख्तार

बता दें कि मुख्तार की मौत के बाद जेल में बन्द कैदी भी परेशान नजर आए. बताते हैं 2017 के पहले जब मुख्तार यहां बन्द था तो रोजा खोलने के बाद या नवरात्रि या त्योहारों में वह बंदियों को फल आदि वितरित करता था. बंदी उससे नमस्कार या सलाम करते थे तब वह उनको जवाब भी देता था, रोपड़ से बांदा लौटने के बाद उसको सभी बंदियों से दूर रखा जाता था, पेशी के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम आने पर सभी को उससे दूर रखा जाता था. डिप्टी जेलर कड़ी सुरक्षा के बीच उसको उसकी बैरक से निकालकर लाते और ले जाते थे. 

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