ज्ञानवापी के बाद फर्रुखाबाद के रशीद खान मकबरे का हुआ सर्वे, क्या है इसके शिव मंदिर होने पर विवाद?
हिंदू पक्ष का दावा है कि रशीद खान का ये मकबरा मुगल हमलावरों ने एक शिव मंदिर को तोड़कर बनाया था. दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष इस दावे को खारिज करता है. वह कहता है कि ये हमेशा से ही मकबरा था. इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष कोर्ट गया था.
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Farrukhabad News: अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण होने के बाद वाराणसी के ज्ञानवापी और मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर विवाद लगातार चर्चाओं में बना हुआ है. ज्ञानवापी में तो ASI सर्वे भी किया जा चुका है. इसी बीच यूपी के फर्रुखाबाद से भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां रशीद खान के मकबरे को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है.
हिंदू पक्ष का दावा है कि रशीद खान का ये मकबरा मुगल हमलावरों ने एक शिव मंदिर को तोड़कर बनाया था. दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष इस दावे को खारिज करता है. वह कहता है कि ये हमेशा से ही मकबरा था. इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष कोर्ट गया था और मांग की थी कि मकबरे का सर्वे किया जाए. अब इस मामले में कोर्ट ने अहम आदेश दिया है. बता दें कि कोर्ट ने मकबरे के सर्वे करने का आदेश दिया है. इसके बाद रशीद खान के मकबरे का सर्वे किया गया है. अब विभाग अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करेगा.
रशीद खान के मकबरा का शिव मंदिर होने का दावा
मिली जानकारी के मुताबिक, कायमगंज तहसील के मऊ रशीदाबाद में सैकड़ों साल पुराना रशीद खान का मकबरा है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां शिव मंदिर था और मंदिर को तोड़कर यहां मकबरा बनाया गया था. बता दें कि इस मकबरे की देखरेख ASI करता है. अब इसी मकबरे का सर्वे किया गया है. कोर्ट के आदेश के बाद इसका सर्वे किया गया है. सर्वे अमीन अब अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखेंगे.
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गंगेश्वर नाथ शिव मंदिर होने का है दावा
हिंदू नेता प्रदीप सक्सेना इस मामले को लेकर कोर्ट गए हैं. प्रदीप सक्सेना का कहना है कि आज जहां राशीद खान का मकबरा है, वहां पहले शिव मंदिर था. इस शिव मंदिर का नाम गंगेश्वर नाथ शिव मंदिर था. साल 1607 में मुगलों ने यहां हमला किया था और इस शिव मंदिर को तोड़कर यहां मकबरे का निर्माण कर दिया था.
दावा किया जाता है कि प्राचीन मंदिर के मूल ढांचे में बदलाव नहीं किए गए हैं. मगर जहां शिवलिंग स्थापित था, वहां उसे तोड़कर कब्र बना दी गई और मुगलों ने मंदिर को मकबरा बना दिया है. प्रदीप सक्सेना का दावा है कि सर्वे से ये बात साफ हो जाएगी कि ये एक शिव मंदिर था, ना की मकबरा.
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हिंदू पक्ष ने की पूजा-अर्चना करने की मांग
बता दें कि प्रदीप सक्सेना का संबंध हिंदू जागरण मंच से है. उन्होंने इस मामले को जिलाधिकारी और ASI के सामने भी उठाया था. इसको लेकर बकायदा उन्होंने पत्र लिखे थे. उन्होंने रशीद खान के मकबरे के सर्वे की मांग की थी. मगर किसी विभाग की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया.
बताया जा रहा है कि इसके बाद हिंदू संगठन के लोगों ने फतेहगढ़ कोर्ट में वाद दायर किया. मांग की गई कि इस स्थान पर पूजा करने दी जाए और धार्मिक क्रियाओं पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई जाए. बता दें कि कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए रशीद खान के मकबरे के अमीन सर्वे का आदेश दिया और सर्वे की रिपोर्ट मांगी. बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद मकबरे का अमीन सर्वे हो चुका है. अब रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी. हिंदू संगठन का कहना है कि मकबरे में हर तरफ हिंदू धार्मिक चिन्ह हैं. सर्वे में इसका सारा इतिहास पता चल जाएगा.
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