फिरोजाबाद में बुखार का कहर: CM जिस बच्ची से मिले उसकी भी मौत, बेबस पिता ने बयां किया दर्द

सुधीर शर्मा

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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में बुखार से मौतों से सिलसिला अभी भी थमता नहीं दिख रहा. आधिकारिक तौर पर इस बुखार को वायरल/संदिग्ध डेंगू बताया गया है. स्थानीय सदर विधायक मनीष असीजा के मुताबिक, बुखार से मौत का आंकड़ा 50 से ज्यादा हो चुका है. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे शामिल हैं.

जिले में सैकड़ों लोग बीमार हैं, यहां के बहुत से मरीजों का इलाज आगरा और दूसरे जिलों के निजी अस्पतालों में भी हो रहा है.

इस संकट को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार, 30 अगस्त को फिरोजाबाद का दौरा किया था. इस दौरान सीएम योगी ने स्थानीय मेडिकल कॉलेज स्थित बच्चों के वॉर्ड का निरीक्षण भी किया था. योगी आदित्यनाथ बेड नंबर 55 पर 14 साल की कोमल से भी मिले थे. उन्होंने इस बालिका का हालचाल जाना था और उसे बेहतर से बेहतर इलाज देने के लिए डॉक्टरों को निर्देश भी दिए थे.

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मगर 31 अगस्त की शाम को ही इस बालिका की मौत हो गई. कोमल के पिता रामकुमार उसे बेहतर इलाज के लिए हाथरस ले जा रहे थे, तभी रास्ते में शाम 5 बजे के करीब कोमल की मौत हो गई.

हाथरस जिले के गांव नगला मियां से ताल्लुक रखने वाला कोमल का परिवार मौजूदा वक्त में फिरोजाबाद के आनंद नगर खेड़ा में एक किराए के मकान में रहता है.

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कोमल के प्लेटलेट्स काफी कम हो गए थे. उसके पिता रामकुमार का कहना है कि उन्होंने खुद अपनी बेटी को खून दिया था, लेकिन हालत में सुधार नहीं आया.

मंगलवार की दोपहर को कोमल की तबीयत बिगड़ने पर रामकुमार ने मीडिया को बताया था कि उनकी बेटी को डेंगू हुआ है. उन्होंने कहा था, ”प्लेटलेट्स 25 हजार थे मैंने रात को चार बोतल खून भी दिया. सुबह कहा कि ट्रीटमेंट दो बच्ची घबरा रही है, तो बताया गया कि अभी स्टाफ नहीं है. कभी कहते हैं नीचे जाइए कभी कहते हैं ऊपर जाइए. अब हालत खराब है और डॉक्टर कह रहे हैं कि आगरा ले जाओ.”

हालांकि, इस मामले पर मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एलके गुप्ता ने कहा, ”मैंने ही उस बच्ची को अटेंड किया था और रामकुमार बार-बार यह कह रहे थे कि वह अपनी बच्ची को आगरा ले जाना चाहते हैं.”

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डॉक्टर ने आगे कहा, ”मैंने उस समय भी उन्हें बताया था कि बच्ची के प्लेटलेट्स काफी कम हैं. वह अर्ध बेहोशी की हालत में है. इसकी हालत खराब हो सकती है, लेकिन वह नहीं माने.” उन्होंने कहा कि रामकुमार अपने एक सहयोगी के साथ बालिका को मेडिकल कॉलेज से गए थे.

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