कानपुर: दंपत्ति ने कोरोना से मृत बेटे का शव डेढ़ साल तक घर में रखा, न लाश गली न फैली बदबू

रंजय सिंह

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur News) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक दंपत्ति ने कोरोना वायरस से मर चुके अपने इनकम टैक्स अधिकारी बेटे की लाश जिंदा समझकर डेढ़ साल तक घर में रखी. परिवार की एक सदस्य रोजाना मृतक युवक की डेड बॉडी की धड़कन चेक करती रही और उसे जिंदा बताती रही. मामला सामने आने पर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई.

इनकम टैक्स विभाग की शिकायत पर शुक्रवार को पुलिस ने जब घर में छापा मारा तो देखकर हैरान रह गई. मृतक युवक की डेड बॉडी एक कमरे में बिस्तर पर बड़े आराम से लिटाई गई थी. 

दरअसल, कानपुर के रावतपुर इलाके में कृष्ण पुरी के रहने वाले विमलेश कुमार अहमदाबाद में इनकम टैक्स के असिस्टेंट अकाउंटेंट थे. 18 अप्रैल, 2021 को वह कानपुर में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे, तब घरवालों ने उन्हें मोती नर्सिंग होम में भर्ती कराया था, जहां 22 अप्रैल को उनकी मौत हो गई.

डिप्टी सीएमओ ओपी गौतम का कहना है कि मौत का डेथ सर्टिफिकेट परिजनों को मिल गया था, लेकिन विमलेश के पिता राम अपने बेटे की डेड बॉडी लेकर जब घर गए तो उनको लगा कि विमलेश की सांस चल रही है. बस उसी के बाद से घरवालों ने विमलेश की डेड बॉडी घर में रख ली, यह कहकर कि वो कोमा में है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

इस बारे में जब हमने पिता राम से बात की तो उन्होंने कहा कि बेटे की धड़कन चल रही थी, तभी उसे घर में रखा था, मरा होता तो बदबू देता. मेरी नातिन रोज धड़कन चेक करती थी. अब पुलिस कह रही है कि बेटा मर गया है.

विमलेश की पत्नी मिताली सहकारिता बैंक में अधिकारी है. वह घर से अलग रहती है. जानकारी के मुताबिक, राम उनकी पत्नी राम दुलारी और दो अन्य बेटे सुनील और दिनेश सब रहते थे. यही लोग डेड बॉडी घर में रखे थे. परिजन विमलेश को उनकी पत्नी को भी नहीं देखने देते थे. पत्नी ने अहमदाबद में इनकम टैक्स विभाग को इसकी सूचना दी. वहां से कानपुर सीएमओ को लेटर भेजा गया.

कानपुर के सीएमओ ने पुलिस टीम के साथ अपने डिप्टी सीएमओ ओपी गौतम को घर पर जांच करने के लिए भेजा तो पूरा मामला सामने आया. पुलिस ने मृतक के शव को हैलट हॉस्पिटल ले गई, जहां पर कई तरह की फोरेंसिक जांच के बाद विमलेश की डेथ रिपोर्ट दी गई. मगर प्रशासन ने यहां घोर लापरवाही दिखाते हुए बगैर पोस्टमार्टम के ही डेड बॉडी परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दी.

ADVERTISEMENT

इस दौरान टीम ने ये जांच भी नहीं की कि आखिर इतने दिनों तक डेड बॉडी कैसे घर में रही और बदबू नहीं फैली, क्या कोई केमिकल लगाया गया था, कोई तंत्र मंत्र का मामला तो नहीं था या कोई अन्य कारण तो नहीं था. 

इन सब सवालों के जवाब जब हमने टीम के इंचार्ज डिप्टी सीएमओ ओपी गौतम से पूछे तो जवाब दिया कि हमने डेड बॉडी निकाल कर पुलिस को दी. अब पुलिस किसको देगी वो जाने. वैसे डेड बॉडी घर में कैसे रही, बदबू क्यों नहीं हुई, ये घरवालों से ही पूछिए, हमें नहीं पता है.

हमने इतने गंभीर मसले पर डीएम विशाख और पुलिस अधिकारियों से भी फोन पर पोस्टमार्टम न करवाने का सवाल पूछा तो सभी कहते रहे कि मामले को दिखवाते हैं.

ADVERTISEMENT

कानपुर हिंसा मामले में हुई सुप्रीम कोर्ट के वकील की एंट्री, बुल्डोजर पर कह दी ये बड़ी बात

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT