परकोटा, सप्त मंडप सब तैयार... राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुआ, अब फहराया जाएगा 22 फीट का 'सूर्य ध्वज'
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का सम्पूर्ण निर्माण कार्य अब पूरा हो चुका है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है.
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अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का सम्पूर्ण निर्माण कार्य अब पूरा हो चुका है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर में श्रद्धालुओं से जुड़े सभी कार्य पूरे हो चुके हैं. अब केवल वही कार्य चल रहा है जिसका सीधा सरोकार श्रद्धालुओं से नहीं है. उन्होंने बताया कि मुख्य मंदिर के शिखर पर कलश और ध्वजदंड स्थापित किए जा चुके हैं. परकोटा (परिक्रमा पथ) के भीतर स्थापित मंदिरों में भी ध्वजदंड और कलश की स्थापना पूरी हो चुकी है. इसके अलावा शेषावतार मंदिर और सप्त मंडप के सभी निर्माण भी पूरे कर लिए गए हैं. भक्तों की सुविधा के सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं. मानचित्रानुसार सड़कों और पत्थर की फ्लोरिंग का कार्य L&T द्वारा लगभग पूरा कर लिया गया है.
चंपत राय ने बताया कि GMR द्वारा 10 एकड़ के पंचवटी क्षेत्र में भूमि सौंदर्यकरण और हरियाली का कार्य तेजी से चल रहा है. उन्होंने बताया कि ट्रस्ट कार्यालय, अतिथि गृह, सभागार और 3.5 किलोमीटर लंबी चारदीवारी जैसे वे कार्य बचे हैं जिनका संबंध प्रत्यक्ष रूप से जनता के दर्शन से नहीं है.
राम मंदिर के शिखर पर फहराया जाएगा सूर्य चिन्ह वाला ध्वज
मंदिर के भव्य उद्घाटन और ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. कार्य समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि यह ध्वजारोहण समारोह ऐतिहासिक और दिव्य होगा. उन्होंने कहा कि मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला ध्वज भारत की आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिक गौरव का प्रतीक बनेगा.
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मिश्रा ने ध्वज की खासियत के बारे में बताया कि यह ध्वज सूर्य के चिन्ह और कोबेदार वृक्ष की आकृति से सुसज्जित होगा. सूर्य का प्रतीक भगवान श्रीराम के सूर्यवंशी वंश को दर्शाएगा. जबकि कोबेदार वृक्ष का चिन्ह शक्ति, स्थायित्व और जीवन के चक्र का प्रतीक माना गया है.ध्वज को पूरी तरह से पारंपरिक और वैदिक मान्यताओं के अनुसार तैयार किया गया है. इसकी लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट होगी जिसका कुल वजन लगभग 11 किलो का होगा.
इस ऐतिहासिक क्षण को और भी विशेष बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस ध्वज को फहराने की रस्सी खींचेंगे. उन्होंने कहा कि यह दृश्य भारत की आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक बनेगा जब देश का नेतृत्व भगवान राम के धाम में श्रद्धा के साथ झुकेगा. ध्वजारोहण की तैयारियों में रेल सेवा और सुरक्षा बलों के जवान निरंतर सेवा दे रहे हैं. पूरे परिसर को दिव्य और भव्य स्वरूप देने के लिए सजाया जा रहा है.
आयोजन में देश भर से श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. मिश्रा ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण अब लगभग पूर्णता की ओर है. यह आयोजन उसी पूर्णता का उद्घोष करेगा. अयोध्या एक बार फिर आस्था, संस्कृति और एकता का केंद्र बनने जा रही है. आने वाला यह क्षण न केवल इतिहास रचेगा बल्कि हर भारतीय के हृदय में गर्व और भक्ति की भावना जागृत करेगा. यह ध्वज केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं बल्कि राष्ट्र की आत्मा और श्रद्धा का प्रतीक होगा.
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