घोसी के बसपा प्रत्याशी बालकृष्ण चौहान की अजब कहानी! राजभर के बेटे अरविंद का खेल करेंगे खराब?
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा ने 9 और सीटों के लिए प्रत्याशियों की चौथी लिस्ट जारी कर दी. चौथी लिस्ट में बसपा ने बालकृष्ण चौहान को घोसी से मैदान में उतारा है
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Ghosi Loksabha Seat: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की 9 और सीटों के लिए प्रत्याशियों की चौथी लिस्ट जारी कर दी. चौथी लिस्ट में बसपा सुप्रीमो मायावती ने पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान को घोसी से मैदान में उतारा है. आपको बता दें कि हालिया बालकृष्ण चौहान कांग्रेस को छोड़ बसपा में शामिल हुए थे. खबर में आगे मऊ के कद्दावर नेता बालकृष्ण चौहान के बारे में विस्तार से जानिए.
कौन हैं बालकृष्ण चौहान?
घोसी लोकसभा सीट से बसपा ने पुर्व सांसद बालकृष्ण चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है. बालकृष्ण चौहान 1999 में बसपा के टिकट पर घोसी से सांसद चुने गए थे. 2004 में भी चौहान घोसी से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. फिर 2012 में अनुशासनहीनता के आरोप में चौहान को बसपा से निष्कासित कर दिया गया. इसके बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए.
फिर सपा छोड़ बसपा में आए बालकृष्ण चौहान
2018 में बालकृष्ण चौहान फिर सपा छोड़कर वापस बसपा में शामिल हो गए. 2019 में वह सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए और कांग्रेस के टिकट पर घोसी सीट से चुनाव लड़े. मगर उन्हें हार का सामान करना पड़ा. अभी कुछ रोज पहले ही चौहान कांग्रेस से इस्तीफा देकर बसपा में शामिल हुए और पार्टी हाईकमान ने उन्हें अब घोसी सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है.
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चौहान बिगड़ेंगे अरविंद राजभर का खेल?
आपको बता दें कि घोसी सीट से NDA की तरफ से ओपी राजभर के बड़े बेटे अरविंद राजभर चुनावी मैदान में हैं. वहीं, सपा ने यहां से राजीव राय को मैदान में उतारा है. सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि अरविंद राजभर और बालकृष्ण चौहान दोनों ओबीसी समुदाय से आते हैं. तो ऐसे में बालकृष्ण चौहान अब चौहान बिरादरी का वोट हासिल कर अरविंद राजभर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
वहीं, दूसरी तरफ वरिष्ठ भाजपा नेता दारा सिंह चौहान जो वर्तमान में योगी सरकार में मंत्री हैं वो भी घोसी से ही आते हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि दारा सिंह चौहान, बालकृष्ण चौहान को ज्यादा डेमेज नहीं करने देंगे. कुल मिलाकर फिलवक्त में यह जरूर कहा जा सकता है कि बसपा ने बालकृष्ण चौहान को मैदान में उतार कर घोसी में सियासी मुकाबला रोचक कर दिया है.
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