2 ने पकड़े पैर एक ने हाथ... स्टेप बाइ स्टेप देखिए अंतरिक्ष से समंदर में लैंड हुए कैप्सूल स्पेसक्राफ्ट से कैसे निकाले गए शुभांशु

यूपी तक

Shubhanshu Skukla Return to Earth: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिन बाद धरती पर लौटे. स्पेसएक्स के ग्रेस यान से कैलिफोर्निया तट पर प्रशांत महासागर में सुरक्षित लैंडिंग. वापसी के बाद मेडिकल जांच और 10 दिन के क्वारंटाइन में रहेंगे.

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Shubhanshu Skukla Return to Earth
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Shubhanshu Skukla Return to Earth: उस वक्त देश का हर एक नागरिक रोमांचित हो उठा जब भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 18 दिनों की स्पेस यात्रा के बाद 15 जुलाई को वापस धरती पर लौटे. आपको बता दें कि शुभांशु स्पेसएक्स के ग्रेस यान ने आज दोपहर करीब 3 बजे दक्षिणी कैलिफोर्निया सैन डिएगो तट के पास प्रशांत महासागर में सुरक्षित लैंडिंग की. शुभांशु के वापस धरती पर आने के बाद उनके गृह जिले लखनऊ में जश्न का माहौल है. उनकी मां आशा शुक्ला और बहन सुचि मिश्रा ने शुभांशु के सकुशल वापस आने पर खुशी जाहिर की है. 

पूरी टाइमलाइन देखिए

जानकारी दे दें कि 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार शाम 4:45 बजे ग्रेस यान ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) से अलग होकर पृथ्वी की ओर बढ़ा. लैंडिंग से पहले, ग्रेस यान ने कई चरणों से गुजरा. यान ने कक्षा से बाहर निकलने के लिए इंजन जला कर गति कम की.27,000 किमी/घंटा की रफ्तार से प्रवेश के दौरान तापमान 1,600°C तक पहुंचा, जिसे हीट शील्ड ने सहन किया. वायुमंडल से बाहर निकलने पर पैराशूट खुले, जिससे यान की रफ्तार कम हो गई. फिर आखिरकार भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे यान प्रशांत महासागर में सुरक्षित उतरा.

जब शुभांशु स्पेसक्राफ्ट से बाहर निकले तब दो लोगों ने उनके पैर पकड़े जबकि एक ने हाथ पकड़े थे. इस मौके पर शुभांशु के चेहरे पर राहत की एक मुस्कान की थी. 

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अब आगे क्या होगा शुभांशु के साथ?

पृथ्वी पर लैंडिंग के बाद शुभांशु और उनकी टीम को मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया. उन्हें लगभग 10 दिन तक क्वारंटाइन में रहना होगा, ताकि अंतरिक्ष के प्रभावों से उबर सकें. गुरुत्वाकर्षण में सामंजस्य बिठा सकें. इस दौरान उनकी सेहत पर नजर रखी जाएगी.

स्पेस में कब पहुंचे थे शुभांशु शुक्ला?

आपको बता दें कि शुभांशु शुक्ला 25 जून 2025 को फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च हुए थे. 26 जून को वह ISS से जुड़े. इस दौरान उन्होंने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिसमें मांसपेशियों की हानि, मानसिक स्वास्थ्य और अंतरिक्ष में फसल उगाने जैसे शोध शामिल थे.

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