‘मुंह में खैनी भरे रहने वाला क्या करेगा विकास की बात’, ये क्या कह बैठे अखिलेश यादव
मैनपुरी के बाद असली जंग अब कन्नौज के लिए छिड़ी है, अखिलेश यादव की निगाहें कन्नौज पर जा गड़ी है. या यूं कहें मैनपुरी उपचुनाव…
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मैनपुरी के बाद असली जंग अब कन्नौज के लिए छिड़ी है, अखिलेश यादव की निगाहें कन्नौज पर जा गड़ी है. या यूं कहें मैनपुरी उपचुनाव…
मैनपुरी के बाद असली जंग अब कन्नौज के लिए छिड़ी है, अखिलेश यादव की निगाहें कन्नौज पर जा गड़ी है. या यूं कहें मैनपुरी उपचुनाव की बड़ी जीत ने पूरे यादव लैंड के लिए ताल ठोंक दी है. इटावा में लायन सफारी पहुंचे अखिलेश यादव ने मानो इसके के लिए दहाड़ भी लगा दी और उनकी इस दहाड़ में निशाने पर थे कन्नौज के बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक .
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अखिलेश यादव सुब्रत पाठक को पान और मसाला खाना छोड़कर कन्नौज के विकास पर ध्यान देने की नसीहत देते हैं. वहीं अखिलेश की इस नसीहत के बाद सुब्रत पाठक ने भी करारा पलटवार किया. सुब्रत पाठक ने ट्वीट कर कहा-अच्छा होगा कि अखिलेश यादव वोदका पीना छोड़ दें ताकि उनकी बुद्धि ठीक रहे. सुब्रत ने कहा कि पान का प्रयोग हिंदुओं की पूजा में होता है. इसमें सुपारी, कत्था, लौंग, इलायची और कन्नौज के पवित्र फूलों के इत्र पड़ते है. उन्होंने कहा कि अच्छा हो कि अखिलेश यादव वोदका पीना छोड़ दें ताकि उनकी बुद्धि ठीक रहे. उन्होंने कहा कि अखिलेश के जीवन के बहुत से किस्से कन्नौज में आज भी हैं.
आपको बता दें कि 2019 में सपा के गढ़ की ये सीट बीजेपी ने उससे छीन ली थी.सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को करीब 12 हजार वोटों से हराया था. अब 2024 में अपी सीट वापस पाने के लिए अखिलेश यादव लग गए हैं. मैनपुरी चुनाव के दौरान 24 नवंबर को पहुंचे अखिलेश यादव ने इसके संकेत भी दे दिए थे और खुद कन्नौज का रुख करने का बड़ा संदेश भी दिया था. सवाल ये है कि क्या वाकई मैनपुरी उपचुनाव की ये बंपर जीत अब यादव लैंड में सपा की वापसी का क्या बड़ा संकेत हैं. क्या फिरोजाबाद,कन्नौज,बंदायू इन सब सीटों पर अखिलेश की कोशिश रंगे लाएंगी.
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