यूपी में अब हलाल प्रोडक्ट नहीं बिक पाएंगे? क्या होते हैं ये और क्यों है इनको लेकर विवाद
: उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े उत्पादों की बिक्री पर अब बैन लग सकता है. आरोप है कि कुछ कंपनियां हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर अवैध कारोबार कर रही हैं.
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UP News: उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े उत्पादों की बिक्री पर अब बैन लग सकता है. आरोप है कि कुछ कंपनियां हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर अवैध कारोबार कर रही हैं. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस विषय में बड़ा फैसला लिया है. उत्तर प्रदेश सरकार अब हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर खड़े नियम बनाने के तैयारी कर रही है.
क्या है हलाल का मतलब?
हलाल अरबी भाषा का एक शब्द है. इसका मतलब होता है कि कोई भी चीज जिसकी इजाजत हो और वह कानून के तहत वैध हो, इसलिए हलाल कारोबार वो होते हैं, जिनकी इस्लाम में कानूनी मंजूरी होती है. दुनिया भर में बहुत तरह के हलाल कारोबार आते हैं. बहुत से सामान और सेवाएं हलाल कारोबार की कैटेगरी में आती हैं. हलाल बिजनेस कई तरह के हो सकते हैं जैसे खाना, दवाइयां, कॉस्मेटिक्स, कपड़े या सेवाएं जैसे टूरिज्म, अकाउंटिंग, बैंकिंग, फाइनेंस आदि.
कौन जारी करता है हलाल सर्टिफिकेट?
भारत में, FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) सर्टिफिकेशन करीब सभी प्रोसेस्ड खाने पर देखा जा सकता है. मगर यह अथॉरिटी भारत में हलाल सर्टिफिकेट नहीं देती है. भारत में हलाल सर्टिफिकेट देने वाली महत्वपूर्ण कंपनियां हैं- हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जमात उलेमा ए महाराष्ट्र और जमात उलेमा ए हिंद हलाल ट्रस्ट.
क्यों है इसपर विवाद?
गौरतलब है कि साल 2022 के अप्रैल महीने में सुप्रीम कोर्ट में दायर वकील विभोर आनंद की ओर से दायर याचिका में हलाल उत्पादों और हलाल प्रमाणीकरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. दावा किया गया था कि इन उत्पादों का उपयोग करने वाली 15% आबादी के लिए 85% नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है.
आनंद ने अपनी याचिका में कहा था, “हलाल’ प्रमाणीकरण पहली बार 1974 में वध किए गए मांस के लिए पेश किया गया था और हलाल प्रमाणीकरण 1993 तक केवल मांस उत्पादों पर लागू किया गया था. इसके बाद, याचिका में कहा गया, हलाल प्रमाणीकरण मांस तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसे बढ़ा दिया गया है. यहां तक कि खाद्य पदार्थ, सौंदर्य प्रसाधन, दवाएं, अस्पताल, हाउसिंग सोसायटी, मॉल, नाश्ता, मिठाई, अनाज, तेल, सौंदर्य प्रसाधन, साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, नेल पॉलिश, लिपस्टिक आदि शामिल हैं.”
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