अब क्लास में पढ़ रही 5 साल की बच्ची की मौत, आखिर क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले? समझिए
UP News: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में 5 साल की बच्ची की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. मासूम स्कूल में पढ़ रही थी, तभी उसकी हालत बिगड़ गई. आखिर इतनी छोटी उम्र में हार्ट अटैक मासूमों को अपना शिकार कैसे बना रहा है? समझिए
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UP News: कभी दुकान में बैठ दुकानदार तो कभी मार्केट में सामान खरीद रहा ग्राहक, या रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहा यात्री…जब गिरे तो उठे ही नहीं. पिछले दिनों आपने इस तरह की कई घटनाएं देखी और सुनी होगीं. मौत का कारण? हार्ट अटैक. जो हार्ट अटैक पहले अधेड़ उम्र को ही ज्यादातर अपना शिकार बनाता था, वह अब युवा और किशोर अवस्था के लोगों को भी अपना शिकार बनाने लगा. इसी बीच उत्तर प्रदेश के अमरोहा से चौंका देने वाली खबर भी सामने आई है. यहां 5 साल की मासूम छात्रा की अचानक मौत हो गई. बताया जा रहा है कि मासूम की मौत भी हार्ट अटैक से हुई है.
पहले जानिए अमरोहा में क्या हुआ?
अमरोहा जिले के हसनपुर इलाके के गांव शकरगढ़ी के रहने वाले तनवीर अहमद की 5 वर्षीय बेटी इफ्फत जहां पास के ही एक प्राइवेट स्कूल में UKG की छात्रा थी. मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार को छात्रा खुशी-खुशी अपने स्कूल गई थी.
जब वह क्लास में पढ़ रही थी तभी अचानक छात्रा की तबियत खराब हो गई. शिक्षकों ने फौरन परिजनों को फोन किया. परिजन मासूम को लेकर अस्पताल लेकर गए. मगर वहां डॉक्टर्स ने मासूम को देखते ही मृत घोषित कर दिया. ये खबर सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया. कोई समझ ही नहीं पाया कि आखिर अचानक मासूम की मौत कैसे हो सकती है?
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माना जा रहा है कि मासूम की मौत अचानक हार्ट अटैक आने की वजह से हुई है. फिलहाल परिजनों ने मासूम के शव का पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया है और उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है. अमरोहा में ही कुछ दिनों पहले मासूम की मोबाइल देखते-देखते मौत हुई थी. तब भी सामने आया था कि मासूम की मौत हार्ट अटैक से हुई थी.
आखिर लगातार हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ रहे हैं और बच्चों में भी ये समस्या क्यों देखने को मिल रही है. इसके लिए हमने Mankind Pharma के Medical Advisor (Cardio- Metabolics) के डॉक्टर-Medical Advisor शुभम गंगावत से बात की.
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आखिर ये क्या हो रहा है?
हमने Medical Advisor शुभम गंगावत से सीधा सवाल किया कि आखिर हार्ट अटैक के मामले इतने क्यों बढ़ रहे हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया, हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के पीछे कई वजह हैं. इसके पीछे कोई एक वजह नहीं है. इसके लिए हमारी लाइफस्टाइल, जन्म लेने के बाद शरीर की जांच नहीं होना, जेनेटिक यानी आनुवंशिक बीमारियों के बारे में असंवेदनशीलता बरतना, तनाव जैसे बहुत सी वजह हैं.
उन्होंने आगे कहा,
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जहां तक बात बच्ची की मौत की है तो छोटे बच्चे भी हार्ट अटैक का शिकार हो सकते हैं. दरअसल कभी-कभी जन्म के बाद ही बच्चों का हार्ट कमजोर होता है. ग्रामीण इलाकों में ठीक से जांच नहीं होती. ऐसे में जैसे-जैसे बच्चा बढ़ा होता है और उसकी गतिविधियां बढ़ती हैं, जिससे हार्ट पर भी दवाब बढ़ता है. ऐसे में अचानक ऐसे बच्चों की हार्ट अटैक से मौत हो सकती है.
उन्होंने आगे बताया, 'कभी-कभी जन्म लेने के बाद हार्ट ब्लॉकेज भी होने लगता है या दिल तेजी के साथ धड़कने की भी बीमारी हो जाती है. बच्चे पर ध्यान नहीं दिया जाता, जिसका परिणाम ये होता है कि समय के साथ परेशानी बढ़ जाती है और अचानक मौत हो जाती है.'
किशोर अवस्थाओं और युवाओं में क्यों बढ़ रहे हार्ट अटैक के केस?
जब हमने ये सवाल पूछा तो डॉ. शुभम ने बताया, अगर बचपन से ही आपके हार्ट में दिक्कत है, इलाज भी नहीं हुआ है तो ये परेशानी जिंदगीभर रहेगी और कभी भी आपका हार्ट धोखा दे सकता है. ये किसी भी उम्र में हो सकता है. दूसरी बात ये है कि पिछले करीब 15 सालों के अंदर ही हमारा खानपान, हमारी लाइफस्टाइल में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है, जिसका प्रभाव सीधे तौर पर हमारे शरीर और हार्ट पर पड़ रहा है. ऐसे में इस तरह के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं. इसकी एक वजह युवाओं में धूम्रपान की लत, सही से नींद का पूरा नहीं हो पाना, मोटापा और जेनेटिक भी है. हार्ट की देखभाल के लिए सबसे अच्छा तरीका ये ही है कि आप खान-पान पर ध्यान दें और शरीर को थोड़ा आराम भी दें. इसी के साथ डॉक्टर्स से समय-समय पर अपने हार्ट और बॉडी की जांच भी करवाते रहे.
(अमरोहा से बीएस आर्या के इनपुट के साथ)
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